साहित्य, कला और लेखन समाज को एकात्मता के सूत्र में पिरोए रखते हैं
धर्मशाला,ब्यूरो रिपोर्ट
साहित्य, कला और लेखन समाज को एकात्मता के सूत्र में पिरोए रखते हैं। इससे जहां एक तरफ अपने विचारों को व्यक्ति प्रभावी ढंग से प्रकट करने में समर्थ होता है वहीं सभ्यता और संस्कृति भी समृद्ध होती है। धर्मशाला डिग्री कॉलेज के ऑडिटोरियम में धर्मशाला लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे संस्करण के उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष तथा नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र के विधायक रघुबीर सिंह बाली ने यह शब्द कहे। इस अवसर पर पूर्व मंत्री विप्लव ठाकुर भी विशेष रूप से उपस्थित रहीं।
आर.एस बाली ने जिला प्रशासन द्वारा धर्मशाला में लिटरेचर फेस्टिवल शुरु करने की पहल की सराहना करते हुए इसके आयोजन के लिए बधाई दी। उन्होंने इसकी सार्थकता को देखते हुए धर्मशाला लिटरेचल फेस्टिवल के लिए पर्यटन विकास निगम की ओर से पांच लाख रूपये देने की घोषणा की। आर.एस बाली ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में बनी सरकार प्रदेश में पर्यटन, कला और साहित्यिक वातावरण को विकसित करने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि लिटरेचर फेस्टिवल के लिए धर्मशाला से उपयुक्त स्थान कोई अन्य नहीं हो सकता क्योंकि यह स्थान भी खूबसूरत है और यहां विचार भी खूबसूरत ही निकलेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे लिटरेचर फेस्टिवल के माध्यम से विभिन्न क्षेत्र और विचारों से आए लोग अपनी बात रखते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से जो विचारों का आदान-प्रदान होता है, उससे एक जागरुक समाज का निर्माण होता है।आर.एस बाली ने जिला प्रशासन को क्षेत्र के सरकारी शिक्षण संस्थानों को लिटरेचर फेस्टिवल के साथ जोड़ने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हमारे क्षेत्र के बच्चों को भी इसके माध्यम से निखरने का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज देश-प्रदेश में सर्वोच्च पदों पर बैठे प्रेरक व्यक्ति सरकारी स्कूलों और महाविद्यालयों से निकले हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे विद्यार्थी साहित्य, कला और लेखनी में भी आगे बढ़ें, इसके लिए उन्हंे ऐसे आयोजनों के साथ जोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर बच्चों को अपनी स्कूली शिक्षा के दौरान ही ऐसे मंच मिलेंगे, तो उनकी प्रतिभा निखर कर आएगी।
लिटरेचर फेस्टिवल के उद्घाटन सत्र में ‘वंडरलैंड कॉलिंग’ नाम से एक चर्चा का आयोजन किया गया। इस चर्चा में पर्यटन और होटल उद्योग से जुड़ी गतिविधियां और पर्यावरण अनुरूप उनके संचालन को लेकर पैनलिस्ट ने अपने विचार रखे। इस दौरान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष आर.एस बाली ने चर्चा का समापन करते हुए कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि प्रदेश में पर्यटन निगम द्वारा चलाए जा रहे होटलों की स्थिति का मजबूत किया जाए। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग द्वारा संचालित होटलों में हिमाचली धाम परोसने के लिए रेस्त्रां में भोटी धाम की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किए बिना पर्यटन को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता। उन्होंने कहा कि टूरिजम इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के लिए सरकार ने पहली बार बजट में पर्यटन के लिए पांच सौ करोड़ रूपये का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त प्रदेश में एडीबी के सहयोग से पर्यटन के लिए 1311 करोड़ रूपये की परियोजनाएं शुरु की जा रही हैं।
बाली ने कहा कि पर्यटन के लिए कनेक्टिविटी सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार ने अपने पहले ही बजट में कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार के लिए दो हजार करोड़ रूपये का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में भी तेज गति से काम को बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री के जिला कांगड़ा को पर्यटन राजधानी बनाने के संकल्प को पूरा करने हेतु गंभीर प्रयास अमल में लाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से विकसित होने से धर्मशाला में बड़ी संख्या में ऐसे आयोजन करवाए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि पर्यटन के साथ साहित्य, कला और उससे जुड़ी गतिविधियां भी बढ़ेंगी।
धर्मशाला लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे संस्करण की शुरुआत करते हुए उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने आए हुए अतिथियों का स्वागत कर धर्मशाला लिटरेचर फेस्टिवल के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा न केवल प्राकृतिक रूप से बल्कि कला और साहित्यिक रूप से भी परिपूर्ण है। उन्होंने कहा कि धौलाधार के आंचल में लम्बे समय से पल रही कला और साहित्य की एक सुंदर परम्परा को पटल में लाने की दृष्टि से यह लिटरेचर फेस्टिवल शुरु किया गया। उन्होंने कहा कि कला और साहित्यिक वातावारण को बढ़ाने के प्रयासों को सबका सहयोग कमल रहा है, जिसके कारण धर्मशाला लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे संस्करण की आज शुरुआत हो रही है।
उन्होंने कहा कि इस लिटरेचर फेस्टिवल से जहा स्थनीय कला और साहित्य शैली को एक नई पहचान मिली, वहीं साहित्य और कला के विभिन्न रंगों से धर्मशाला की खूबसूरती और अधिक बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि 7-8 अप्रैल को दो दिन तक चलने वाले धर्मशाला लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे संस्करण में साहित्य-कला क्षेत्र के दिग्गज लोग जुड़ेंगे। उन्होंने बताया कि फेस्टिवल में नवोदित और प्रतिभाशाली लेखक-कलाकार-कवि भी शामिल होंगे। साहित्य और कला प्रेमियों को अपने पसंदीदा साहित्यकारों से रूबरू होने का अवसर मिलेगा। इस दौरान नामचीन साहित्यकार आकर्षक चर्चा सत्रों में भाग लेंगे।
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