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कभी कभी अपने इस धर्मपुर को सुंदर और आत्म निर्भर बनाने बारे सोचता हूँ

                                            धर्मपुर को सुंदर बनाने की करता हूँ  कोशिश 

धर्मपुर ,रिपोर्ट भवानी दत्त मंडयाल

कभी कभी अपने इस धर्मपुर को सुंदर और आत्म निर्भर बनाने बारे सोचता हूँ तो बहुत से ख्याल मन में आते हैं कि किस तरह से इसे सुंदर बनाया जाए ताकि ये एक रमणीक स्थान बन जाये देशी व विदेशी पर्यटक जो दूसरी जगह जाकर बहुत पैसा खर्च करते हैं वो अपना रुख इस अपने धर्मपुर की ओर करें फिर सामने देखता हूँ कि आखिर क्यों पर्यटक धर्मपुर की ओर अपना रुख करेगा। 

हालांकि अपने इस धर्मपुर में विकास की गति ने जो रफ्तार पकड़ी है उसे भुलाया नहीं जा सकता लेकिन वर्षों से अनदेखी का सामना करता आया ये धर्मपुर अब जाकर मुख्यधारा में आ खड़ा हुआ है लेकिन पर्यटकों को हम अपने धर्मपुर की ओर आकर्षित कर सकें इसके लिए अभी बहुत काम करना बाकी है।क्योंकि जब तक बाहरी पर्यटकों की आवाजाही हमारे इस क्षेत्र में नहीं होती तब तब यहाँ का बिजनेस नहीं बढ़ेगा। अब हमें या सरकार या प्रशाशन को किस स्तर पर प्लानिंग करनी होगी कि यहाँ पर लोगों की आवाजाही बढ़े और जो लोग घूमने फिरने के इरादे से दूसरे क्षेत्रों में जाते हैं उन्हें भी यहीं रोकने के लिए कुछ ऐसे स्थान बनाएं जहां जाकर वो अपना मन बहला सकें।

सबसे पहले तो धर्मपुर की सड़कें जो चाहे हाईवे के अधीन आती है या ग्रामीण सड़कें है वो चकाचक बनानी होगी।इन सड़कों के किनारे ऐसे फूलदार पौधे लगवाने होंगे जो हर वक्त फूलों से लदे रहें  सड़क के किनारे बहुत से ऐसे पॉइंट बनाने होंगे जहां पर आने जाने वाले लोग थोड़ी देर आराम कर सकें सूंदर सूंदर बेंच लगवाने चाहिए बरसात के दिनों में जहां कहीं सूंदर झरने बहते है उन्हें पिन पॉइंट करते हुए वहां तक रास्ते बनाने चाहिए ताकि सहलानी वहां तक पैदल जा सके और फोटो बगैरह खींच सकें। सड़क किनारे छोटे छोटे हट बनवाकर किराए पर दिए जाने चाहिए ताकि आने जाने वाले को खाने पीने के लिए कुछ मिल सके। एक बात बहुत जबर दस्त हुई है कि बागवानी विभाग द्वारा शिवा प्रोजेक्ट के तहत जगह जगह फलदार पौधे लगाए जा रहे हैं इससे स्थानिए लोग पैसा तो कमा ही रहे है लेकिन आने जाने वालों के लिए ये बागवानी पर्यटन स्थल हो गए है हर आने जाने वाला व्यक्ति अपनी गाड़ी रोककर दो चार सेल्फियां जरूर लेता है साथ ही सिद्धपुर में बन रहा बागवानी विभाग का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस जिसमें मशरूम का उत्पादन व अन्य प्रशिक्षण भी होगा देखने वाली चीज बन रही है।


रही दूसरी बात सड़को के किनारे पार्किंग के लिए जगह होनी चाहिए और वहाँ पर टूरिस्ट्स पॉइंट बनाने होंगे खोपुआ में सुंदर व साफ जगह हेलीपेड बना है लेकिन यहां पर भी उड़ान वर्षों में एक बार होगी लेकिन इसे भी टूरिस्ट पॉइंट बनाने के लिए थोड़ा सजाना होगा हो सके तो साथ वाली पहाड़ी को काटकर खोपुआ औऱ बनेरडी से पेरागलैडिंग बारे कुछ किआ जाए तो बाहरी लोगों का आवागमन भी बढ़ सकता है जिससे स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार मिलने के अवशर मिल सकते है चाहे वो पेरागलिडेर के तौर पर हो या फिर स्थानीय लोग छोटी मोटी चाय पान की दुकान ही करे इसे रोजगार मिलेगा।

साथ ही जैसे कि कंडापतंन से संधोल तक नदी में हर वक्त पानी रहता है यहां के युवाओं को रिवर राफ्टिंग की ट्रेनिंग दिलवाई जाए तो सहलानी भी भाग कर आएगा और रिवर राफ्टर भी पैसा कमाएंगे।औऱ लघु हरिद्वार जेठी गंगा के आने जाने वालों का तादाद बढ़ जाएगी जिससे भी स्थानिए लोगों को ही रोजगार के अवशर मिलेंगे।

इसके साथ ही एक औऱ चीज जो देशी व विदेशी पर्यटकों स्कूली छात्रों व कॉलेज छात्रों को आकर्षित करने वाली है वो है नेचर पार्क यानी के चिड़ियाघर, अगर प्रदेश सरकार धर्मपुर में कहीं भी हालांकि इसके लिये जांदेर के जंगल के साथ में बहुत बढ़िया व सांत व हर वक्त पानी की उपलब्धता वाला स्थान है अगर नेचर पार्क भी यहाँ बन जाये तो जो स्कूली बच्चे रेणुका,रिवालशर, कुल्लु,गोपालपुर या फिर प्रदेश से बाहर दिल्ली ,मुम्बई के नेचर पार्क देखने के लिए हजारों रुपये खर्च करते हैं वो उन्हें अपने आसपास ही देखने को मिलेंगी।इतना ही नहीं जब यहां नेचर पार्क यानी चिड़ियाघर होगा तो बाहरी पर्यटक भी धर्मपुर की ओर रुख करेंगे।

अब बात आती है जो मैं इस लेख के सुरु में कह रहा है कि पर्यटकों को धर्मपुर की ओर आने के लिए कैसे विवश किया जाय तो जब हमारे पास इतनी चीजें देखने व खेलने के लिए होंगी साथ ही हमारे कुलगुरु बाबा कमलाहिया,सकरेनी भगवती,कंचना माता ,अवाहदेवी माता,शीतला माता,साथ लगती चतर्भुजा माता,औऱ साथ ही नौबाहि माता व जेठी गंगा लघुहरिद्वार कंडापतंन जैसे धार्मिक स्थलों में आने वाले श्रद्धालुओं का एक दूसरे मंदिर से जुड़ाव बढ़ेगा साथ ही नेचर पार्क जाने की भी इच्छा होगी कोई पैरा ग्लाइडिंग का शौकीन निकलेगा तो किसी को रिवर राफ्टिंग अछी लगती होगी जब हमारे पास सहलानिओं को लुभाने के लिए हर सुविधा होगी तो सहलानी भी जरूर आएंगे और जब सहलानी आने लगेंगे तो यहाँ पर होटल इंडस्ट्री भी इन्वेस्ट करने बारे विचार करेगी जिससे हमारी इनकम भी बढ़ेगी।बस जरूरत है तो इस ओर थोड़ा सा सोचने की प्रोजेक्ट बनाने की औऱ लोगों को भी इस ओर काम करने की।


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