पालमपुर, रिपोर्ट
वाटर सैस के साथ मुख्यमन्त्री हाईड्रो टूरजिम पालसी को भी विधानसभा में लायें । यह विचार व्यक्त करते हुए पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने कहा कि वाटर सैस का निर्णय मुख्यमन्त्री सुखविन्दर सिंह का पूर्व मुख्यमन्त्री शान्ता कुमार के प्रयासों की तरह है। पूर्व विधायक ने कहा यह सर्वविदित है जिस तरह बतौर मुख्यमन्त्री शान्ता कुमार के अथक प्रयासों से आज हिमाचल प्रदेश को सालाना करोड़ों रुपये की रायलटी मिल रही है। इसी तरह प्रदेश को स्वावलंबी एवं आत्म निर्भर बनाने के लिए इस दिशा में मुख्यमन्त्री का यह पहला कदम सराहनीय है। पूर्व विधायक ने कहा कि यह विषय भी चिन्तन का है कि कहीं इस निर्णय से प्रदेश में पन विधुत परियोजनाएं लगाने वाली कम्पनियाँ पीछे न हट जायें ऐसे में सरकार हाइड्रो टूरजिम पालसी भी लाये ।
पूर्व विधायक ने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर हाइड्रो टूरजिम पालसी बन जाती है तो मसलन के तोर पर उनके विधान सभा क्षेत्र पालमपुर से शुरू होती कल कल बहती न्यूगल व बनेर खड्ड के ऊपर सात पॉवर प्रोजेक्ट लगे हैं। यहाँ पानी के डिस्चार्ज ओर ग्रेबेटी का आकलन करके साथ ही बरसात के दिनों में प्राकृतिक के प्रकोप को भी ध्यान में रखते हुए समाज सेवा में समर्पित उनकी "इन्साफ" नामक संस्था के आला दर्जे के सेवा निवृत टैक्नोक्रेटस अधिकारी जो कि इसी विषय में माहिर ने इन्साफ संस्था के नाम से धोलाधार पावर एवं टूरजिम के ऊपर एक डी पी आर प्रदेश सरकार की सेवा में प्रेषित की है।
पूर्व विधायक ने कहा कि हाइड्रो टूरजिम पालसी के द्वारा इन खडडों के रीवर बैड पर पावर प्रोजेक्टस की रेंज में झील , नोका विहार , मत्स्य बिहार , पक्षी विहार ,स्वीमिंग पूल इत्यादी अनकों गतिविधियों को अंजाम दिया जा सकता है। पूर्व विधायक ने मुख्यमन्त्री को अवगत करवाना चाहा है कि उपरोक्त पावर प्रोजेक्टों के एफैक्टिव जोन व इनके कमीशन(प्रोडक्शन) पर तय प्रतिशतत: के लाखों रुपये की लम्बित देनदारी का मामला बतौर विधायक विधानसभा में उठाया था तव जाकर सम्बधित पंचायतों को तय मानकों एवं माप दण्डो के तहत विभिन्न विकासात्मक कार्यों के लिए पैसा रिलीज हुआ था।
इसी के साथ पूर्व विधायक ने इस विषय को भी मुख्यमन्त्री महोदय के ध्यानार्थ लाते हुए यह भी आग्रह किया है कि उदाहरण के तोर पर पालमपुर विधानसभा हल्के से बहती उपरोक्त दोनों खडडें अनकों क्षेत्रों की पेयजल एवं सिंचाई योजनाओं की जला आपूर्ति कर रही हैं। ऐसे में वाटर सैस की तरह उन विधानसभा क्षेत्रों को उस एवज़ में जल शक्ति सैस से लाभान्वित करके वहाँ विशेष पैकेज का प्रावधान करवाया जाए ।
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