राष्ट्रीय औषध पादप बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय जोगिन्दर नगर ने जारी की एडवाइजरी
जोगिन्दरनगर, रिपोर्ट जतिन लटावा
देखने में आया है कि आजकल कुछ किसान सौंठ की खेती करने का दावा कर रहे हैं। साथ ही प्रचार यह हो रहा है कि सौंठ का बीज कुछ सरकारी व गैर सरकारी अनुसंधान संस्थानों से मिल रहा है। लेकिन जब फसल तैयार हो रही है तो किसानों को कोई खरीदार नहीं मिल रहा। ऐसे धोखे का शिकार हो रहे किसान मार्केट न मिलने के अभाव में परेशान का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय औषध पादप बोर्ड को यह जानकारी जानकर भी आश्चर्य हुआ है कि शिमला व हिमाचल के कुछ शहरों में इस तथाकथित सौंठ को बड़े शौक से सलाद के रूप में भी परोसा जा रहा है। इस संबंध में राष्ट्रीय औषध पादप बोर्ड की स्थानीय विशेषज्ञ समिति जिसमें प्रो.डी.आर.नाग, डॉ.अरुण चंदन, डॉ.सौरभ शर्मा, डॉ. शीतल चंदेल एवं डॉ. पंकज पालसरा शामिल है ने कहा कि यदि कोई कहे कि वह गुड़ की खेती कर रहा है तो क्या यह संभव है। इसी तरह सौंठ भी अदरक का ही परिवर्तित रूप है। ऐसे में सौंठ की खेती संभव नहीं है जबकि अदरक की खेती की जा सकती है।
उन्होने उत्तर भारत के किसानों से इस तरह सौंठ की खेती के नाम पर भ्रमित न होने का आह्वान किया है। इस संबंध में किसी भी प्रकार की जानकारी वे सीधे राष्ट्रीय औषध पादप बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय जोगिन्दर नगर से प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा वे राष्ट्रीय हेल्पलाइन नम्बर की भी मदद ले सकते हैं।
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