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कांगड़ा जिले में विकास कार्यों को मिलेगी नई गति

                            डीसी ने ली 5 घंटे की मैराथन मीटिंग, हर पहलू पर गहन मंथन

धर्मशाला, ब्यूरो रिपोर्ट 

जिले में निर्माणाधीन और प्रस्तावित विकास परियोजनाओं की प्रगति का लिया जायजा, दिए जरूरी निर्देश। जिलाधीश डॉ. निपुण जिंदल ने कांगड़ा जिले में विकास कार्यों को नई गति देने के मकसद से मंगलवार को धर्मशाला में जिला अधिकारियों की बैठक ली और जिले की सभी प्रमुख निर्माणाधीन और प्रस्तावित विकास परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने विकास परियोजनाओं को रफ्तार देने के लिए सभी का मार्गदर्शन करते हुए जरूरी निर्देश दिए।

5 घंटे से भी अधिक समय तक चली इस मैराथन बैठक में विकास परियोजनाओं को रफ्तार देने के लिए उनसे जुड़े हर पहलू पर गहन मंथन किया गया। जिलाधीश ने सिलसिलेवार जिले के प्रत्येक उपमंडल में चल रहे विकास कार्यों की प्रगति का जायजा लिया। साथ ही वहां आगे प्रस्तावित विकास कार्यों को जमीन पर लाने के लिए भूमि चयन, डीपीआर बनाने तथा विभिन्न अनुमति और अन्य औपचारिकताओं को लेकर वस्तुस्थिति की जानकारी ली। इस दौरान पर्यटन विकास परियोजनाओं पर विस्तार से चर्चा के साथ साथ डे बोर्डिंग स्कूल के लिए जमीन के मामले, विभिन्न विभागों के भवनों के निर्माण समेत सभी जन उपयोगी एवं विकास योजनाओं को गति देने पर मंथन किया गया।

डॉ. निपुण जिंदल ने अधिकारियों को विकास परियोजनाओं के लिए भूमि चयन और एफआरए तथा एफसीए के मामलों को आगे बढ़ाने को कहा। उन्होंने सभी एसडीएम को उपमंडल स्तर पर एफआरए तथा एफसीए के मामलों पर मंथन के लिए गठित समन्वय समिति की बैठकें आयोजित कर विकास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए जिलाधीश ने कहा कि कांगड़ा जिले के बनखंडी में प्रस्तावित चिड़ियाघर (वृहद जूलॉजिकल पार्क) के निर्माण के लिए भूमि का चयन किया जा चुका है और अब परियोजना के ‘मास्टर ले आउट प्लान’ पर कार्य किया जा रहा है। करीब 200 हेक्टेयर भूमि पर प्रस्तावित इस पार्क के मास्टर लेआउट प्लान का प्रारूप अप्रैल माह के अंत तक तैयार कर लिया जाएगा।

बता दें, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने बजट भाषण में कांगड़ा जिले को पर्यटन राजधानी बनाने की घोषणा के साथ ही 300 करोड़ रुपये से बनखंडी में चिड़ियाघर (वृहद जूलॉजिकल पार्क) के निर्माण की बात कही थी।डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि जूलॉजिकल पार्क के निर्माण का कार्य तीन चरण में किया जाएगा। इसमें पहले चरण में 60 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मास्टर ले आउट प्लान का प्रारूप बनाने से पहले सभी हितधारकों के साथ परामर्श बैठक की जाएगी। उन्होंने एसडीएम को संबंधित क्षेत्र के ग्राम पंचायतों के प्रधानों और अन्य हितधारकों के साथ जल्द परामर्श बैठक करने को कहा।

उन्होंने देहरा उपमंडल में प्रस्तावित गोल्फ कोर्स के लिए भी जल्द औपचारिकताएं पूरी करने के निर्देश दिए ताकि अप्रैल माह में इसके भूमिपूजन और निर्माण की दिशा में आगे बढ़ा जा सके।


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