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सूखे से राहत के लिए किसान बनाये टैंक

                                               कृषि विभाग की मिलेगी मदद टैंक बनाने के लिए 

सोलन,ब्यूरो रिपोर्ट 

सोलन जिले में जैसे ही गर्मिया का आगमन होता है की वैसे ही पानी की कमी होना शुरू हो जाती है।गर्मियों के दिनों में अक्सर सूखे जैसे हालात जिला सोलन में बन जाते हैं और इस बार भी सूखे जैसे हालात जिला में बने हुए हैं। बारिश न होने से अब तक किसानों की फसलों को 22 करोड का नुकसान कृषि विभाग सोलन द्वारा आंका गया है। सूखे जैसे हालात भविष्य में ना बने इसको लेकर कृषि विभाग द्वारा किसानों से वाटर टैंक बनाने की अपील की गई है।

कृषि विभाग सोलन के उपनिदेशक डॉ डी.पी.गौतम का कहना है कि रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम के जरिए वाटर टैंक किसानों को बनाने चाहिए ताकि जब पानी की किल्लत हो तो इन टैंकों के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जा सके। वहीं कृषि विभाग टैंक बनाने के लिए किसानों की मदद के लिए कई योजनाएं चला रहा है। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं का भी लाभ किसानों को उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जुलाई अगस्त के महीने में 65% बारिश होती है । ऐसे में किसानों को इन दिनों में पानी की टैंक बनाकर पानी की स्टोरेज करनी चाहिए। उन्होंने किसानों से अपील की कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का किसान लाभ उठाएं ।

पिछले साल भी सोलन जिले में रबी मौसम के दौरान प्रदेश में पड़ रहे सूखे के कारण जिले के किसानों को अब तक 8.5 करोड़ का नुकसान हो चुका है। यदि आने वाले दिनों में भी बारिश नहीं होती तो यह नुकसान और अधिक बढ़ जाएगा। लंबे समय से सूखे के कारण खड़ी फसलें खेतों में ही मुरझा गई हैं। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। कृषि विभाग ने जिले में बारिश न होने के कारण रबी फसलों को हो रहे नुकसान का आंकलन कर इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। रिपोर्ट के मुताबिक जिले में गेहूं की फसल को करीब 6.25 करोड़ का नुकसान हुआ था।


इसके अलावा सब्जी उत्पादकों को भी करीब 2.25 करोड़ की चपत लग चुकी है। सोलन जिले में किसान बागवान बेसब्री से बारिश का इंतजार कर रहे हैं और सिंचित क्षेत्रों में भी फसलों को बार-बार पानी देना पड़ रहा है, इसके बावजूद फसलों की ग्रोथ रुकी हुई है। असिंचित क्षेत्रों में तो फसलें पूरी तरह चौपट होती जा रही हैं।

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