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श्री ब्रह्मचारिणी माता की होती है पूजा दूसरे नवरात्रे में

                                              क्या होती है पूजा की विधि माता श्री ब्रह्मचारिणी की 

ब्यूरो रिपोर्ट 

मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है !धर्म शास्त्रों के अनुसार मां ब्रह्मचारिणी को ज्ञान, तपस्या और वैराज्ञ्य की देवी माना जाता है !मां दुर्गा के इस स्वरूप में उनके एक हाथ में जप की माला और दूसरे हाथ में कमण्डल होता है ! मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा करने से संयम, तप, त्याग, ज्ञान इत्यादि की वृद्धि होती है! साथ ही मां दुर्गा की कृपा से जीवन की कठिन परिस्थतियां भी आसान हो जाती हैं! 

शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी माता की पूजा के दौरान पीले या सफेग रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है! मां दुर्गा को सबसे पहले पंचामृत से स्नान कराएं !इसके बाद अक्षत, रोली, चंदन, लौंग, इलायची, मिश्री इत्यादि अर्पित करें! मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप को कमल और अड़हूल का फूल बेहद प्रिय होता है! ऐसे में अगर संभव हो तो ये फूल माता को जरूर अर्पित करें. इस दिन माता को सफेद रंग की वस्तुएं अर्पित करें. पूजन के दौरान माता के सामने घी का दीया जलाएं! पूजा के अंत में मां ब्रह्मचारिणी की आरती करें!





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