अग्निशमन के लिए होगा ट्रीटेड पानी का उपयोग, बनेगा डेडिकेटिड ब्लू कॉरिडोर
धर्मशाला,ब्यूरो रिपोर्ट
धर्मशाला उपमंडल में आग लगने की घटनाओं पर त्वरित काबू पाने के उद्देश्य से 5 नए फायर हाइड्रेंट स्थापित किए जाएंगे। उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला प्रशासन द्वारा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को धर्मशाला सब डिवीजन में 5 फायर हाइड्रेंट स्थापित करने का प्रस्ताव भेजा गया था।
उन्होंने बताया कि एसडीएमए की प्रदेश कार्यकारिणी समिति की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। उन्होंने बताया कि धर्मशाला में 32 लाख 76 हजार 338 रुपये की लागत से यह 5 फायर हाइड्रेंट स्थापित किए जाएंगे।उन्होंने बताया कि इसके लिए रामनगर के आस-पास घनी आबादी वाले और जहां कोई फायर हाइड्रेंट नहीं हैं, ऐसे पांच स्थलों की पहचान की गई है।
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि इन 5 वॉटर हाइड्रेंट के लिए ट्रीटेड पानी को उपयोग को उपयोग में लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए एक समर्पित ब्लू कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह पूरे राज्य में पहली बार होगा कि एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) से उपचारित पानी का उपयोग समर्पित ब्लू कॉरिडोर के माध्यम से अग्निशमन के लिए किया जाएगा।
उपायुक्त ने बताया कि इसके लिए जल शक्ति विभाग के समन्वय से एक प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसमें एसटीपी गमरू से प्रस्तावित 5 हाइड्रेंट साइटों तक पाइप लाइनें स्थापित की जाएंगी। उन्होंने बताया कि एसटीपी गमरू में 5 लाख लीटर पानी की क्षमता है। उन्होंने बताया कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने एसटीपी गमरू के पानी का सर्वोत्तम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए अग्निशमन में उक्त एसटीपी के उपचारित पानी का उपयोग करने का निर्णय लिया था।उन्होंने बताया कि यह निर्णय लेने से पूर्व अग्निशमन विभाग के साथ एसटीपी के उपचारित पानी के उपयोग की कार्यक्षमता की जांच के लिए परीक्षण किए गए जो कि सफल रहे। उन्होंने बताया कि इसके आधार पर एसटीपी उपचारित पानी का उपयोग करके एक ब्लू गलियारा बनाने और अग्निशमन क्षमताओं को बढ़ाने की योजना तैयार की गई थी।
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि इससे फायर टेंडरों को रिफिलिंग के लिए यात्रा समय कम होगा और धर्मशाला सब डिवीजन में अग्निशमन क्षमता में वृद्धि होगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में धर्मशाला के रामनगर व शामनगर क्षेत्र में फायर हाइड्रेंट की कोई सुविधा नहीं थी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना से यह क्षेत्र भी हाइड्रेंट नेटवर्क से जुड़ जाएंगे। उन्होंने बताया कि धर्मशाला में वर्तमान में अग्निशमन के लिए के लिए 24 हाइड्रेंट हैं, जोकि वार्ड न. 1 से 8 में स्थित हैं।उन्होंने बताया कि इन 24 हाइड्रेंट के लिए 90000, 60000 और 50000 लीटर के 3 डेडिकेटिड टैंकों का उपयोग किया जाता है। उन्हांेने बताया कि यह भी ध्यान में आया कि अग्निशमन के लिए यह समर्पित बफर स्टोरेज टैंक आवश्यकता पड़ने पर सामान्य आपूर्ति को बाधित करते हैं। उपायुक्त ने कहा कि अग्निशमन के लिए एसटीपी गमरू से डेडिकेटिड ब्लू कॉरिडोर के निर्माण से यह समस्या भी दूर होगी।
0 Comments