पालमपुर, रिपोर्ट
सुप्रसिद्ध चामुण्डा नन्दिकेश्वर धाम के साथ जदरांगल में केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए जदरांगल में चयनित भूमि को जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा रिजेक्ट कर दिए जाने पर पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने बेहद हरानगी व्यक्त की है । पूर्व विधायक ने रहस्योद्घाटन करते हुए कहा पालमपुर और जदरांगल की दूरी में कोई विशेष अंतर नहीं है । पूर्व विधायक ने तर्क के साथ कहा कि एक तरफ पालमपुर विधानसभा क्षेत्र के प्रवेश द्वार पर स्थित डाढ पटवार सर्कल और दूसरी तरफ साथ लगती धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र के प्रवेश द्वार पर स्थित जदरांगल पटवार सर्कल के राजस्व अभिलेख अर्थात लट्ठे आपस में टकराते हैं । पूर्व विधायक ने तुलनात्मक दृष्टि से कहा कि जियोलॉजिकल सर्वे आफ इण्डिया का क्या पैमाना है।
यह एक विचित्र तर्क है । उन्होंने ने कहा एक तरफ पालमपुर में भारत सरकार का बहुत हिमालय जैव संपदा प्रोधोगिकी संस्थान सी एस आई आर (आईएचबीटी) , चौधरी सरवन कुमार कृषि विश्वविद्यालय , तकनीकी विश्वविद्यालय व अमर शहीद कैप्टन बिक्रम बत्रा महाविद्याल के तत्वाधान में शानदार बड़े बड़े भवनों के अतिरिक्त सुंदर प्रांगण व जो सुन्दर मूलभूत ढांचा विद्यमान होना चाहिए वह उपलब्ध है । यहां तो बारिश का कोई असर नहीं पड़ता ।
यहाँ तक कि सुप्रसिद्ध चामुण्डा नन्दिकेश्वर मन्दिर के साथ लगते जदरांगल में चामुण्डा मन्दिर के प्रति आस्था रखने वाले भगतों ने बडी बडी खूबसूरत सरायें बनाई हैं । ऎसे में अगर जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया यही दुहाई दे रहा है कि जदरांगल में बहुत वर्षा होती है तो ऐसी स्थिति में अगर राजनीतिक इच्छा शक्ति हो तो पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय के अधीन इतना बड़ा भूखंड है कि यहां एक और केंद्रीय विश्वविद्यालय खप सकता है ।
पूर्व विधायक ने कहा कि उन्हें इस बात का भी बहुत ताज्जुब है कि इतना बड़ा जिला कांगड़ा और यहां से सत्ताधारी पार्टी के 10 विधायकों में से एक ने भी सांसद श्री किशन कपूर जी के उस ब्यान का समर्थन नहीं किया जिसमें उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कहा है कि वह सीयू के लिए लडेगें । पूर्व विधायक ने कहा कि उन्होंने भी समाज सेवा में समर्पित इन्साफ नाम की संस्था बनाई है जहां लगता है कि कहीं गलत हो रहा है तो संस्था अपनी आवाज को बुलंद करती है । ऐसे में उन्होंने सांसद महोदय से कहा है कि कांगड़ा के हक के लिए वह कंधे से कंधा मिलाकर उनके साथ खड़े हैं ।
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