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मादक द्रव्यों के खिलाफ एक जनजागरूकता अभियान की शुरुआत

कुल्लू,ओम प्रकाश
नशा मुक्त हिमाचल अभियान' के तहत सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के जिला कल्याण विभाग व सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग द्वारा जागरूकता अभियान नशा मुक्त हिमाचल अभियान' के तहत सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के जिला कल्याण विभाग व सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग कुल्लू के संयुक्त तत्वावधान में आज से कुल्लू जिला के विभिन्न विकास खंडों में नशीले पदार्थों व मादक द्रव्यों के खिलाफ एक जनजागरूकता अभियान की शुरुआत हुई। हिमाचल प्रदेश सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से अनुमोदित मन्नत कला मंच कुल्लू द्वारा इन विकास खंडों में गीत, संगीत व नुक्कड नाटक के माध्यम से जनता को नशे की बुराइयों, इसके दुष्प्रभाव व इससे बचाव बारे जागरूक किया जा रहा है। 
मन्नत कला मंच द्वारा नगर ब्लॉक के मनाली माल रोड व पतलीकुहल,  में कार्यक्रम किये गए,जिनमें मंच के कलाकार,नवनीत भारद्वाज,मानचंद,खूब राम,गोपाल, आशा शर्मा,चंपा,मोनिका, हीरा, अशोक आदि द्वारा समूहगीत,'गांव गांव शहर शहर में यह अभियान चलाना है,छोड़ नशे की बुरी आदतें, सब को यह समझाना है'लोकगीत,'छोड़ी दे मेरे सजना शराबो रा नशा' साथ ही नुक्कड़ नाटक,' नशे को छोड़ जिंदगी की ओर' के द्वारा  समाज में  फैल रहे आधुनिक नशे जिनमें हीरोइन,   चिट्टा,ब्राउन शुगर,आदि के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी गई। कार्यक्रम में हलाण 2 के उपप्रधान गायत्री दत्त,महिला मंडल,  नीलकंठ युवक मंडल व व्यापार मंडल के सदस्य भी शामिल रहे।
            मंच के संयोजक नवनीत भारद्वाज ने कार्यक्रम के बारे में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि नशा आज  एक गंभीर सामाजिक बुराई का रूप धारण कर चुकी है।
नशे ने समाज के स्वस्थ ताने-बाने को हिला कर रख दिया है,नशे से व्यक्ति मानसिक,शारीरिक व आर्थिक रूप से कमजोर हो जाता है और समाज पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है,युवा वर्ग नशे की चपेट में आकर अपना मानसिक संतुलन खो बैठता है और जघन्य अपराधों को अंजाम दे देता है,हमें इस दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य विभाग कुल्लू द्वारा भुंतर में नशा मुक्ति केंद्र स्थापित किया गया है तथा युवा परामर्श केंद्र भी चलाया जा रहा है।
 जहां पर डॉक्टर सत्यव्रत वैद्य नशे के आदी युवा वर्ग व अन्य लोगों का सफलतापूर्वक इलाज कर रहे हैं, उन्होंने अपील की कि लोग नशे के आदी लोगों को यहां लाएं,ताकि उनका इलाज़ कर उन्हें समाज की मुख्य धारा के साथ जोड़ा जा सके।

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