शिमला,रिपोर्ट
वर्तमान प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के कुशल नेतृत्व में अपने सामाजिक सरोकार के दायित्व का निर्वहन करते हुए नवोन्मेषी पहल की है। प्रदेश सरकार ने अधिसूचित प्राकृतिक आपदा से प्रभावित परिवारों को 25 हजार रुपये की सहायता राशि तुरंत जारी करने के निर्देश दिए हैं। इस संदर्भ में जरूरी दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
वर्तमान प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के कुशल नेतृत्व में अपने सामाजिक सरोकार के दायित्व का निर्वहन करते हुए नवोन्मेषी पहल की है। प्रदेश सरकार ने अधिसूचित प्राकृतिक आपदा से प्रभावित परिवारों को 25 हजार रुपये की सहायता राशि तुरंत जारी करने के निर्देश दिए हैं। इस संदर्भ में जरूरी दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
निदेशक एवं विशेष सचिव राजस्व सुदेश मोक्टा ने यहां बताया कि प्राकृतिक आपदा के कारण मृत्यु होने पर मृतक के निकटस्थ सम्बन्धी को 24 घंटे के भीतर सहायता राशि जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। प्राकृतिक आपदा के कारण मृत्यु होने पर मृतक के परिजनों को चार लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करने का प्रावधान है। इसमें से 25 हजार रुपये की सहायता राशि 24 घंटे के भीतर और शेष राशि भी चार दिन के भीतर जारी कर दी जाएगी। पूर्व में यह राशि जारी होने में अधिक समय लगता था।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा से प्रभावित गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों यदि वह आयुष्मान भारत योजना के तहत कवर नहीं होते हैं, तो उन्हें न्यूनतम 5000 रुपये की सहायता राशि प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करने के उपरांत सामाजिक दायित्वों के निर्वहन को सर्वोच्च अधिमान दिया है। बात चाहे, विभिन्न संस्थाओं के आवासियों को उत्सव अनुदान की हो या फिर उनकी उच्च शिक्षा के लिए महत्वाकांक्षी योजना ‘मुख्यमंत्री सुखाश्रय सहायता कोष’ के गठन की। प्रदेश सरकार ने अपने निर्णयों से साबित किया कि सरकार समाज के वंचित और जरूरतमंद वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा से प्रभावित गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों यदि वह आयुष्मान भारत योजना के तहत कवर नहीं होते हैं, तो उन्हें न्यूनतम 5000 रुपये की सहायता राशि प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करने के उपरांत सामाजिक दायित्वों के निर्वहन को सर्वोच्च अधिमान दिया है। बात चाहे, विभिन्न संस्थाओं के आवासियों को उत्सव अनुदान की हो या फिर उनकी उच्च शिक्षा के लिए महत्वाकांक्षी योजना ‘मुख्यमंत्री सुखाश्रय सहायता कोष’ के गठन की। प्रदेश सरकार ने अपने निर्णयों से साबित किया कि सरकार समाज के वंचित और जरूरतमंद वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
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