हमें जल उपयोगकर्ता से जल संरक्षण की ओर अग्रसर होना चाहिए: मुकेश अग्निहोत्री
शिमला,रिपोर्ट
उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में जल शक्ति भवन टूटीकंडी शिमला में जल शक्ति विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इस अवसर पर मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश का सर्वांगीण विकास राज्य सरकार का मुख्य ध्येय है। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी पारदर्शिता, दक्षता व समयवद्धता से अपने कर्तव्य का निर्वहन सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी प्रदेश में आमजन को 24 घंटे स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने की दिशा में भी कार्य करें।
उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में जल शक्ति भवन टूटीकंडी शिमला में जल शक्ति विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इस अवसर पर मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश का सर्वांगीण विकास राज्य सरकार का मुख्य ध्येय है। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी पारदर्शिता, दक्षता व समयवद्धता से अपने कर्तव्य का निर्वहन सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी प्रदेश में आमजन को 24 घंटे स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने की दिशा में भी कार्य करें।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा की हमें जल उपयोगकर्ता से जल संरक्षण की ओर अग्रसर होना चाहिए ताकि भविष्य में जल की कमी न हो। वर्षा एवं हिम जल संचयन, भू-जल पुनर्भरण एवं स्रोत स्थिरता पर अधिक बल देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पानी की गुणवत्ता एवं संरक्षण के लिए विभाग को जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करना चाहिए।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पीने के पानी के साथ-साथ हमें सिंचाई पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि किसानों की आय में भी वृद्धि हो सके। उन्होंने कहा कि सिंचाई की दृष्टि से बेहतर कार्य करने के लिए रैपिड री असेसमेंट की जाएगी, ताकि जरूरत के आधार पर कार्य किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को हर विधानसभा क्षेत्र में रोड मैप तैयार करने को कहा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पानी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए 67 प्रयोगशालाओं की स्थापना की गई है, जिसमें से 58 प्रयोगशालाओं को एनएबीएल से मान्यता प्राप्त हो चुकी है। उन्होंने कहा कि विभाग में नई तकनीक के साथ कार्य करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि विभाग में टेंडर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखने के लिए बीड कैपेसिटी पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अधिशाषी अभियंता स्तर के अधिकारी तीन-तीन योजनाओं तथा अधीक्षण अभियंता से प्रमुख अभियन्ता स्तर तक के अधिकारी एक-एक बड़ी योजना एडॉप्ट करें ताकि इन योजनाओं में बेहतर कार्य हो सके।
उन्होंने पुराने कुंओं एवं तालाबों को सुरक्षित एवं संरक्षित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि विभाग की पुरानी मशीनरी के संरक्षण के लिए किसी संग्रहालय या उपयुक्त जगह का चयन किया जाना चाहिए ताकि हमारी भविष्य की पीढ़ियों को पुरानी मशीनरी व कार्य पद्धति के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि सभी विभागीय अधिकारी आपस में समन्वय स्थापित कर कार्य करें ताकि प्रदेश का संतुलित विकास किया जा सके।
इस अवसर पर सचिव जल शक्ति अमिताभ अवस्थी ने उप-मुख्यमंत्री का स्वागत किया तथा उनके निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन करने का आश्वासन दिया।
बैठक में प्रमुख अभियन्ता संजीव कौल, प्रमुख अभियन्ता परियोजना धर्मेंद्र गिल, प्रदेश से सभी मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, अधिशाषी अभियंता एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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