अनाथ बच्चों का सहारा बनेगी हिमाचल सरकार, 101 करोड़ रूपये का सीएम सुखाश्रय कोष स्थापित
जोगिंदर नगर, जतिन लटावा
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार आने वाले समय में प्रदेश के अनाथ बच्चों के साथ-साथ बेसहारा महिलाओं का सहारा बनने जा रही है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने 101 करोड़ रुपये के मुख्य मंत्री सुखाश्रय कोष स्थापित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। सरकार के इस कदम से प्रदेश में जहां हजारों अनाथ बच्चों की पढ़ाई लिखाई का खर्च सरकार वहन करेगी तो वहीं अभिभावक बनकर परवरिश भी करेगी। इस कार्य को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से कार्यान्वित किया जाएगा।
ऐसे में जोगिन्दर नगर उपमंडल की ही बात करें तो अकेले कोरोना महामारी के दौरान ही लगभग एक दर्जन से अधिक बच्चे अनाथ हो गए हैं। इसके अलावा हमारे समाज में ऐसी कई एकल महिलाएं भी हैं जो बेसहारा हैं तथा उन्हे भी जीवन की गुजर-बसर में किसी के मदद की जरूरत रहती है। हमारे समाज के इन वर्गों को जीवन यापन में कई तरह की परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है तथा कई बार जीवन की विपरीत परिस्थितियों के कारण पिछड़ जाते हैं। ऐसे में अनाथ बच्चों एवं बेसहारा महिलाओं की मदद के लिये प्रदेश की सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार ने मुख्य मंत्री सुखाश्रय कोष स्थापित कर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है।
आने वाले समय में इस कोष के माध्यम से न केवल अनाथ बच्चों की पढ़ाई लिखाई का खर्चा प्रदेश सरकार वहन करेगी बल्कि सरकार ऐसे बेसहारा बच्चों की अभिभावक बनकर परवरिश भी करेगी। माता-पिता के अभाव में बच्चे जीवन में शिक्षा सहित अन्य सुविधाओं के अभाव में पीछे न रह जाएं इसकी चिंता करते हुए प्रदेश सरकार ने सीएम सुखाश्रय कोष स्थापित कर ऐतिहासिक कदम उठाया है।
इस बारे बाल विकास परियोजना अधिकारी चौंतड़ा बीआर वर्मा से बात की तो उन्होने बताया कि अकेले चौंतड़ा ब्लॉक में ही कोरोना महामारी के चलते एक दर्जन से अधिक बच्चे अनाथ हुए हैं। इसके अलावा दूसरे ऐसे कई अन्य बच्चे भी हैं जिन्होने विपरीत परिस्थितियों में अपने मां-बाप को खोया है। इसके अतिरिक्त कई ऐसी बेसहारा एकल महिलाएं भी हैं जिन्हे भी मदद की जरूरत रहती है। इस पूरे मामले को लेकर सीडीपीओ कार्यालय चौंतड़ा डाटा एकत्रित कर रहा है ताकि अनाथ बच्चों एवं बेसहारा महिलाओं की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध हो सके।
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