शिमला,रिपोर्ट
सचिव सूचना प्रौद्योगिकी डॉ. अभिषेक जैन ने कहा कि प्रदेश के लोगों को इस वर्ष के अंत तक 5जी इंटरनेट की सुविधा प्रदान की जाएगी। इस दिशा में प्रदेश सरकार द्वारा सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में यहां आयोजित टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं, सूचना प्रौद्योगिकी, दूर-संचार विभाग व हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड के अधिकारियों और डिजिटल आधारभूत संरचना प्रदाता संघ के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित बैठक के उपरांत यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के दूरदर्शी नेतृत्व में दूर-संचार क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की जा रही है।
सरकार द्वारा इस सुविधा से वंचित गांवों, कम सिग्नल उपलब्धता वाले क्षेत्रों तथा जनजातीय क्षेत्रों में 5जी इंटरनेट सुविधा प्रदान करने के लिए दृढ़ प्रयास किए जा रहे हैं। दूर-संचार सेवा प्रदाताओं को हर संभव सहयोग प्रदान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि 5जी इंटरनेट सुविधा के उपलब्ध होने से डेटा हस्तांतरण व क्षमता में भी आशातीत बढ़ोतरी होगी। इससे विकास कार्यों को भी नए आयाम प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति समय की मांग है और इससे कार्य करने की दक्षता में भी बढ़ोतरी होगी।
बैठक में उपस्थित विभिन्न सेवा प्रदाता कंपनियों ने आश्वस्त किया कि 5जी सुविधा के लिए आधारभूत ढांचे की स्थापना के दौरान पर्यावरण को कम से कम नुकसान और लोगों की सुविधा के दृष्टिगत सभी प्रयास किए जाएंगे।
बैठक में यह सुझाव दिया गया कि सभी सेवा प्रदाता कंपनियों को समन्वय के साथ कार्य कर आधारभूत संरचना स्थापित करने का कार्य एक साथ करना चाहिए ताकि जमीन को बार-बार खोदना न पड़े।
सेवा प्रदाताओं ने 5जी से संबंधित राज्य की नीति में कुछ आवश्यक संशोधन करने का आग्रह करते हुए कहा कि इससे उन्हें सुविधा प्रदान करने में आसानी होगी।
इस अवसर पर डिजिटल आधारभूत संरचना प्रदाता संघ तथा विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। डिजिटल आधारभूत संरचना प्रदाताओं को केरल में उनकी पायलट परियोजना से संबंधित रिपोर्ट साझा करने के लिए भी कहा गया।
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने 5जी सेवा से संबंधित विस्तृत प्रस्तुति भी दी।
विशेष सचिव सूचना प्रौद्योगिकी टी. एस. रवीश, लोक निर्माण, शहरी विकास, राजस्व, विद्युत बोर्ड के अधिकारी और विभिन्न सेवा प्रदाताओं के प्रतिनिधि भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि 5जी इंटरनेट सुविधा के उपलब्ध होने से डेटा हस्तांतरण व क्षमता में भी आशातीत बढ़ोतरी होगी। इससे विकास कार्यों को भी नए आयाम प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति समय की मांग है और इससे कार्य करने की दक्षता में भी बढ़ोतरी होगी।
बैठक में उपस्थित विभिन्न सेवा प्रदाता कंपनियों ने आश्वस्त किया कि 5जी सुविधा के लिए आधारभूत ढांचे की स्थापना के दौरान पर्यावरण को कम से कम नुकसान और लोगों की सुविधा के दृष्टिगत सभी प्रयास किए जाएंगे।
बैठक में यह सुझाव दिया गया कि सभी सेवा प्रदाता कंपनियों को समन्वय के साथ कार्य कर आधारभूत संरचना स्थापित करने का कार्य एक साथ करना चाहिए ताकि जमीन को बार-बार खोदना न पड़े।
सेवा प्रदाताओं ने 5जी से संबंधित राज्य की नीति में कुछ आवश्यक संशोधन करने का आग्रह करते हुए कहा कि इससे उन्हें सुविधा प्रदान करने में आसानी होगी।
इस अवसर पर डिजिटल आधारभूत संरचना प्रदाता संघ तथा विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। डिजिटल आधारभूत संरचना प्रदाताओं को केरल में उनकी पायलट परियोजना से संबंधित रिपोर्ट साझा करने के लिए भी कहा गया।
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने 5जी सेवा से संबंधित विस्तृत प्रस्तुति भी दी।
विशेष सचिव सूचना प्रौद्योगिकी टी. एस. रवीश, लोक निर्माण, शहरी विकास, राजस्व, विद्युत बोर्ड के अधिकारी और विभिन्न सेवा प्रदाताओं के प्रतिनिधि भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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