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मीडिया के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर पत्रकारों ने किया विरोध ,कहा भविष्य में होगा तो करेंगे बहिष्कार

जवाली, राजेश कतनौरिया 
देश-प्रदेश में अकसर ही सत्तापक्ष या विपक्ष के नेताओं के बोल बिगड़ जाते हैं। कई बार अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर दिया है तथा इसमें लोकतन्त्र के चौथे स्तंभ को भी लपेट लिया जाता है। किसी की हार होती है तो वो मीडिया को दोषी ठहरा देता है तथा जो जीत जाता है वो भी मीडिया पर तंज कसने शुरू हो जाता है। मीडिया स्वतंत्र होता है तथा उसको पक्ष य विपक्ष से कोई सरोकार नहीं होता है। मीडिया को जो दिखता है या सुनाई देता है, उसी को उजागर करके जनता तक पहुंचाया जाता है। 
      हिमाचल में कांग्रेसी नेताओं के मंत्रिमंडल से पहले ही सत्ता के नशे में बोल बिगड़ने शुरू हो गए हैं। जवाली के विधायक चन्द्र कुमार ने नगरोटा सूरियां में प्रेस के खिलाफ अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया और कहा कि भाजपा का प्रचार करने के लिए मीडिया वालों को 50-100 रुपए मिले होंगे ,जिससे मीडिया के बिकाऊ होने की तरफ इशारा करके प्रेस की तौहीन की गई है। इसके अलावा विधायक चन्द्र कुमार ने कहा कि भाजपा के कुछ लोग व मीडिया वाले मुझसे यह पूछते थे कि चौधरी साहब क्या 'तोआकी टिकट मिलगा, तां मैं बोलेया कि क्या इन्हा अपने बूढ़े जो देनी ए' इसमें साफ जाहिर हो रहा है कि हाईकमान की तरफ इशारा किया गया है क्योंकि टिकट देना तो हाईकमान का काम होता है। 
मीडिया के खिलाफ की गई टिप्पणी पर प्रेस बंधुओं राजेश कौंडल, राजेश कतनोरिया, अनिल छांगू, सुनील दत्त, दीपक शर्मा, मनजीत कौंडल, डॉ नवनीत शर्मा, ललित मोहन शर्मा, शिबू ठाकुर, अमित शर्मा, रक्षपाल धीमान, राम प्रकाश वत्स, चैन सिंह गुलेरिया ने कड़ा संज्ञान लिया है तथा मीडिया ने चेताया है कि भविष्य में अगर किसी भी नेता ने ऐसी बयानवाजी की तो उसका वहिष्कार किया जाएगा।   

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