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टी.बी उन्मूलन अभियान को बनाएं जनांदोलन - डीसी डॉ. निपुण जिंदल


बोले.....नि-क्षय मित्र बन टी.बी रोगियों की सहायता को आगे आएं लोग, टी.बी मुक्त कांगड़ा बनाने के संयुक्त प्रयासों में बनें सहयोगी


धर्मशाला, रिपोर्ट 
उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने जिलावासियों से टी.बी उन्मूलन अभियान को जनांदोलन बनाने का आह्वान किया है। उन्होंने आग्रह किया कि लोग नि-क्षय मित्र बनकर टी.बी रोगियों की सहायता को आगे आएं और टी.बी मुक्त कांगड़ा बनाने के संयुक्त प्रयासों में सहयोगी बनें।
वे बुधवार को डीआरडीए सभागार धर्मशाला में आयोजित जिला क्षय रोग उन्मूलन समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।


उपायुक्त ने कहा कि क्षय रोग असाध्य रोग नहीं है। इसका पूरी तरह से सफल इलाज किया जा सकता है। रोग की शीघ्र और सही जांच के साथ बिना किसी रुकावट उपचार पूरा करके टी.बी को हराना संभव है।
नि-क्षय मित्र बन करें टी.बी रोगियों की मदद
बता दें, साल 2025 तक भारत को पूर्णतः टी.बी मुक्त बनाने के उद्देश्य से केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने ‘टी.बी रोगियों को सामुदायिक सहायता-प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त भारत अभियान’ लागू किया है। इसके तहत नि-क्षय मित्र योजना चलाई गई है। नि-क्षय मित्र योजना के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था टी.बी मरीजों को अपनी सुविधा के आधार पर 6 माह, एक साल या 3 साल तक पोषण संबंधी सहायता व मानसिक संबल प्रदान करने के लिए अडॉप्ट कर सकते हैं।

उपायुक्त ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया तथा कांगड़ा जिले के सभी हितधारकों को अभियान को सफल बनाने के लिए आगे आकर मरीजों को न्यूट्रिशन, नैतिक बल व समर्थन प्रदान करने की अपील की। उन्होंने बताया कि नि-क्षय मित्र के रूप में दी जाने वाली सहायता सरकार की ओर से प्रदान की जाने वाली चिकित्सीय सेवाओं एवं सहायता के अतिरिक्त होती है।
उन्होंने बताया कि नि-क्षय मित्र योजना में कांगड़ा जिले में वर्तमान में सामुदायिक सहायता प्राप्त करने के लिए सहमति देने वाले 1300 टी.बी रोगियों में से 550 रोगियों के लिए नि-क्षय मित्रों द्वारा सहायता की प्रतिबद्धता जताई गई है। 750 टीबी रोगियों के लिए नि-क्षय मित्रों की आवश्यकता है।
कैसे बनें नि-क्षय मित्र
नि-क्षय मित्र के रूप में पंजीकरण के लिए नि-क्षय पोर्टल पर एक वेब पेज कम्यूनिटीस्पोर्ट डॉट निक्षय डॉट आइएन बनाया गया है। इस पर पंजीकरण करने पर एक विशिष्ट आईडी मिलती है जिसके अनुसार ख्ंाड चिकित्सा अधिकारी या जिला क्षय रोग अधिकारी नि-क्षय मित्र से संपर्क करके उनके साथ सामुदायिक सहायता प्राप्त करने के लिए सहमति देने वाले सक्रिय टी.बी रोगियों की सूची साझा करते हैं। नि-क्षय मित्र उसके अनुसार सहायता का विकल्प चुन सकते हैं।
बैठक में नि-क्षय मित्र पोर्टल 2.0 में पंजीकरण करने, टीबी रोगी को मैप करने, जिला, खंड या स्वास्थ्य संस्थान के सभी टीबी मरीजों या उनमें से कुछ मरीजों को अडॉप्ट करने सहित अन्य संबंधी बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त गंधर्वा राठौड़ ने सभी हितधारकों से नि-क्षय मित्र अभियान को सफल बनाने में सहयोग का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग पंचायत प्रतिनिधियों को भी इस अभियान में अपने साथ जोड़े ताकि इसे और अधिक गति मिल सके ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने कांगड़ा जिले में टीबी उन्मूलन को लेकर चलाई व्यापक मुहिम की जानकारी दी।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. आर.के. सूद ने टीबी उन्मूलन को लेकर जिले में उठाए कदमों की जानकारी दी।
इस मौके इस अवसर पर पीओ डीआरडीए सोनू गोयल, जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक शर्मा, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों सहित अन्य हितधारक मौजूद रहे।

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