पालमपुर, रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने कहा है कि देश की राजनीती केवल और केवल वोट के लिये है। देश के लिये नहीं। इसीलिये वोट के भय से भारत की राजनीती सच कहने से घवराती है और आंखें बन्द कर लेती है।
उन्होंने कहा कि देयह की राजधानी दिल्ली दुनिया का सबसे अधिक प्रदूषित नगर बन गया है। सांस लेने पर लोगों को जहर मिलता है। बिमारियां बढ़ रही हैं। कैंसर तक की बिमारी का प्रमाण मिला है। दिल्ली ही नहीं सभी बड़े शहरों में कूड़े कचरे की सड़ान्ध फैलाते पहाड़ खड़े हैं। दिल्ली की आवादी 2 करोड़ है और यहां गाड़ियों की संख्या 1 करोड़ 60 लाख है। उद्योग भी हैं। इतना कुछ जहां होगा वहाँ हवा में जहर होगा ही । पंजाब की पराली से प्रदूषण बढ़ता होगा परन्तु मुख्य कारण आवादी है। आवादी के कारण गाड़ियां और बेतहाशा वस्तियां हैं।
शान्ता कुमार ने कहा कि बढ़ती आवादी के दवाव में दिल्ली में 1500 अवैध वस्तियां वसीं। लाखों लोग रहने लगे। वस्तियां अवैध थी पर बिजली,पानी और सड़क सब मिल गया। चुनाव आने पर वोट के दवाव में सभी पार्टियों ने मिलकर हजारों अवैध वस्तियों को वैध करवा लिया।
उन्होने कहा कि बढ़ती आवादी के दवाव में पूरे देश में लाखों अवैध कव्जे हो रहे हैं। बिना योजना के मकान बन रहे हैं। वर्षा होने पर जल भराव होता है जिस कारण घरों में जल घुस जाता है।
उन्होंने कहा कि बढ़ती आवादी के कारण ही गरीबी-वेरोजगारी और मंहगाई है। 2014 के बाद गरीबी दूर करने के लिये हर संभव प्रयत्न किया गया है। सच्चाई यह है कि इससे अधिक और कुछ हो नहीं सकता। भारत की जो आवादी 1941 में 30 करोड़ फिर 1947 में 39 करोड़ थी वह आज बढ़कर 141 करोड़ हो गई है। प्रति वर्ष 1 करोड़ 70 लाख आवादी बढती है। इस गति से आवादी बढ़ेगी तो मंहगाई-वेरोजगारी रूक नहीं सकती। देश अमृत महोत्सव मना रहा है परन्तु गरीबी की हालत यह है कि कुछ अति गरीब प्रदेशों के अति गरीब घरों की लड़कियां खरीदी और बेची जाती है। मानव तस्करी भी होती है।
यदि राजनीति हिम्मत करती कानून बना कर 141 करोड़ तक बढ़ी आवादी को 100 करोड़ पर रोक लेती तो आज भारत दुनिया का सबसे खुशहाल देश होता। यह मंहगाई गरीबी वेरोजगारी न होती।
शान्ता कुमार ने कहा यदि बढ़ती आवादी को न रोका गया तो दिल्ली की तरह और इलाके भी जहरीली गैस के चैम्बर बनेंगे और यह मंहगाई गरीवी वेरोजगारी भी बढ़ेगी।
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