कुल्लू, रिपोर्ट
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने शाम कुल्लू के प्रसिद्ध लाल चंद प्रार्थी कला केंद्र में दीप प्रज्जवलन के साथ अंतर्राष्ट्रीय लोकनृत्य उत्सव कुल्लू दशहरा-2022 का विधिवत शुभारंभ किया।
इस अवसर पर लोगों को दशहरा उत्सव की बधाई देते हुए राज्यपाल ने कहा कि कुल्लू के अंतर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव की देश-विदेश में अपनी एक अलग पहचान है। उन्होंने कहा कि प्रकृति ने हिमाचल प्रदेश को अदभुत सौंदर्य से नवाजा है और कुल्लू-मनाली की तो बात ही अलग है। उन्होंने कहा कि कुल्लू-मनाली अपने अनुपम प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की लोक संस्कृति बहुत ही समृद्ध है और यहां के लोगों ने आज भी अपनी इस संस्कृति को संजोकर रखा है। उन्होंने कहा कि भारत बहुत ही अदभुत विविधतापूर्ण संस्कृति वाला देश है और हिमाचल प्रदेश की लोक संस्कृति में भी इस विविधता की छाप देखने को मिलती है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत के लिए वर्ष 2047 तक के काल को अमृतकाल की संज्ञा दी है। इस अवधि में भारत को वैभवशाली राष्ट्र बनाने के लिए प्रत्येक देशवासी को अपना हरसंभव योगदान देना चाहिए।
इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव आयोजन समिति के उपाध्यक्ष एवं उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा उत्सव के संबंध मंे विस्तृत जानकारी दी। उदघाटन समारोह में विधायक सुरेंद्र शौरी, एचपीएमसी के उपाध्यक्ष राम सिंह, एग्रो इंडस्ट्रीज के उपाध्यक्ष युवराज बौद्ध, पुलिस अधीक्षक गुरुदेव शर्मा और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
इससे पहले, राज्यपाल ने प्रदर्शनी मैदान में विभिन्न विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों और विभिन्न संस्थाओं द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का उदघाटन एवं अवलोकन भी किया।
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