आधुनिक ऊष्मायन प्रयोगशाला, औषधीय पौधों के बगीचे और पुनर्निर्मित बाहरी परिसर का लोकार्पण
पालमपुर, रिपोर्ट
चौसकु हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एच.के.चौधरी ने राजमाश की दो किस्में ' हिम पालम कंचन राजमा' और 'हिम पालम त्रिलोकी राजमा' का शुभारंभ किया। शनिवार देर शाम को आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने सामुदायिक विज्ञान में एक आधुनिक ऊष्मायन प्रयोगशाला, औषधीय पौधों के बगीचे और पुनर्निर्मित बाहरी परिसर का भी उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा कि सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय के वैज्ञानिक हिमालय के विशिष्ट खजाने को महानगरों तक ले जाने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने उन्हें संतुलित, स्वस्थ और पौष्टिक भोजन के बारे में समाज का मार्गदर्शन करने और नए युग की बीमारियों के लिए विशेष खाद्य पदार्थों को पेश करने का सुझाव दिया। उन्होंने उन्हें पंजाब कृषि विश्वविद्यालय और अन्य प्रमुख संस्थानों के साथ अकादमिक और शोध कार्य में सहयोग करने के लिए कहा।
उन्होंने कहा कि कॉलेज में उद्योगों और उद्यमियों को आमंत्रित करने के लिए विशेषज्ञता और संसाधनों का उपयोग किया जाना चाहिए। कुलपति ने कहा कि युवा उद्यमियों और छात्रों के लिए आधुनिक ऊष्मायन प्रयोगशाला एक वरदान साबित होगी।उन्होंने बताया कि राजमश प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है। इनकी विशिष्ट पारंपरिक सुगंध है।
उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि नई ऊष्मायन प्रयोगशाला में 27 स्टार्टअप कार्य कर रहे हैं। सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय के डीन डॉ वाईएस धालीवाल ने उदार अनुदान और नए संकाय और सुविधाओं को जोड़ने के लिए कुलपति को धन्यवाद दिया।
उन्होंने बताया कि आरकेवीवाई-रफ़्तार योजना के तहत केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सहयोग से 'सीएम स्टार्ट-अप योजना' के तहत इनक्यूबेशन लैब की स्थापना की गई है। डॉ. रंजना वर्मा और इंजीनियर आशीष धीमान ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के संविधिक अधिकारी, वैज्ञानिक व विद्यार्थी मौजूद रहे।
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