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सेना व पैरामिलिट्री के सेवारत् तथा सेवानिवृत्त सैनिकों की संख्या लगभग चार लाख के करीब है। उनकी अनेक समस्याएं, थुरल में आयोजित हुआ सैनिक सम्मेलन

थुरल, रिपोर्ट
जिला कांगड़ा के थुरल ब्लॉक में आयोजित पूर्व सैनिक सम्मेलन में कांग्रेस पूर्व सैनिक विभाग के प्रभारी व उपाध्यक्ष मेजर जनरल डीवीएस राणा, एवीएसएम एसएम वीएसएम ने पूर्व सैनिकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में सेना व पैरामिलिट्री के सेवारत् तथा सेवानिवृत्त सैनिकों की संख्या लगभग चार लाख के करीब है। उनकी अनेक समस्याएं व मांगें हैं जिन्हें प्रदेश सरकार ने लगातार अनदेखा किया है जिससे उनमें भारी आक्रोश व्याप्त है। सरकार के ख़िलाफ़ अपने रोष को व्यक्त करने के लिए ब्लाक थुरल में भारी संख्या में एक्स-सर्विसमैन  संगठनों के सैनिकों ने अपनी मांगों को रखा। जिन्हें जानते हुए भी वर्तमान प्रदेश सरकार अपनी आंखें मूंदे रही, जबकि इनका कार्यकाल भी अब समाप्ति पर है।
परन्तु अब प्रदेश के सभी पूर्व सैनिकों ने एकजुट हो अपने हकों की लड़ाई लड़ने की ठान ली है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी में अपना विश्वास व्यक्त करते हुए सभी जिलों में अपना सहयोग देने का आह्वान किया है।
पूर्व सैनिकों, आश्रितों की समस्याओं को मज़बूती से आगामी सरकार के समक्ष उठाने का आह्वान करते हुए प्रदेश कांग्रेस  पूर्व सैनिक विभाग के प्रभारी व उपाध्यक्ष मेजर जनरल डीवीएस राणा,सेवानिवृत्त ने बताया कि वह सदैव पूर्व सुरक्षाकर्मियों के हितों से जुड़े मुद्दों को सरकार के समक्ष उठाते रहे हैं। मगर भाजपा सरकार ने पूर्व सैनिकों को सिवाय निराशा के कुछ भी नहीं दिया परन्तु कांग्रेस पार्टी उन्हें उनके ह़क अवश्य दिलाएगी।

एक अन्य विषय पर उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार ने हिमाचल प्रदेश सेवा आयोग को भी राजनिति का अखाड़ा बना दिया है।विगत सप्ताह सरकार ने रातों रात सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए आनन फानन में बिना किसी औपचारिकता के  सेवा आयोग के चेयरमैन एवं सदस्यों की नियुक्ति कर सुबह राज्यपाल कार्यालय द्वारा शपथ दिलाने की पूरी तैयारी कर ली थी जबकि सेवा आयोग के चेयरमैन का पद एक संवैधानिक  व ज़िम्मेदारी का पद है । इसके चेयरमैन की नियुक्ति माननीय सर्वोच्च न्यायालय की गाइडलाइन्स् के त़हत ही संभव है। जिसे सरकार ने पूरी तरह से दरकिनार किया है। इस संवैधानिक पद पर नियुक्त चेयरमैन के माध्यम से ही राज्य सरकार प्रशासनिक अधिकारियों की चयन प्रक्रिया पूरी करती है। परन्तु हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की हिदायत के बाद जयराम सरकार को नियुक्ति का आदेश तुरंत वापिस लेना पड़ा, जिससे स्पष्ट हो गया है कि सरकार सत्ता खोते देख अब अपने चहेतों को इतने बड़े पदों को रेवड़ियों की तरह बांटने पर उतर चुकी है।
मेजर जनरल राणा ने उपस्थित पूर्व सैनिकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस पूर्व सैनिक विभाग के प्रभारी व उपाध्यक्ष होने के नाते वह कांग्रेस सरकार के सत्ता में आते ही उनका पूरा प्रयास रहेगा कि पूर्व सैनिकों को सरकारी नौकरियों में मिलने वाला 15% कोटा पूरी त़रह भरा जाए अनुबंध की बजाय उन्हें पक्की नौकरी मिले। हैरानी की बात है कि पिछले साढ़े चार सालों से पूर्व सैनिकों हेतु आरक्षित 3000 पद पूर्व सैनिकों की शैक्षणिक, तकनीकी पात्रता पूरी  नहीं होने की वजह से नहीं भरे जा सके  उनके आश्रितों द्वारा भरे जाएं। शिक्षा विभाग में आरक्षित व अनारक्षित पूर्व सैनिकों को सिविल कर्मियों के समकक्ष वित्तीय लाभ मिलें।

पूर्व सैनिकों की  ईसीएचएस सुविधा के लिए दिए लगभग 6000 हज़ार करोड़ रुपए का बजट है उस की कटौती से लाभार्थियों को दवाएं, ईलाज उपकरण सुविधाएं पूरी नहीं मिल रही उसमें की गई कटौती तुरंत समाप्त हो बल्कि सदस्यों की संख्या बढ़ने के साथ साथ फंड बढ़ाया जाए। ईसीएचएस कार्ड धारक पूर्व सैनिक या आश्रितों को सेना अस्पताल में भर्ती करते समय कोई भी पैसा वसूली बन्द हो। पैरामिलिट्री की स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार जिला स्तर तक किया जाए।राज्य सैनिक कल्याण विभाग द्वारा सेवानिवृत्ति उपरांत आरक्षण तहत मिलने वाली सभी सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता बरती जाए व आनलाईन जानकारी उपलब्ध रहे। उच्च पदों में भी आरक्षण मिले। 

हिमाचल प्रदेश पूर्व सैनिक कारपोरेशन सभी सरकारी व गैर सरकारी उपक्रमों में सेना व पैरामिलिट्री फोर्स से सेवानिवृत्त सैनिकों को ही सिक्यूरिटी ड्यूटी पर नियुक्त कर डीजीआर रेटस् पर वेतन, भत्ते देकर रोज़गार दे। पैरामिलिट्री सेवानिवृत्तों को प्रदेश सरकार पूर्व सैनिक का दर्जा देने के साथ साथ सरकारी नौकरियों में आरक्षण दे तथा पैरामिलिट्री बोर्ड का गठन शीघ्र हो। सेना व पैरामिलिट्री के शहीदों के परिजनों को मिलने वाला एक्स ग्रेशिया राशि बढ़ाकर एक करोड़ रुपए तक की जाए व शहीद के एक परिजन को सरकारी नौकरी मिले। वीरता पुरस्कार से सम्मानित सुरक्षा कर्मियों को मिलने वाली वार्षिकी राशि पंजाब की तर्ज़ पर मिलनी चाहिए व मासिक तौर पर औसत के हिसाब से उनके बैंक,पैंशन खाते में डाली जाए।

वर्ष 2014 वाली कैंटीन सुविधा उपलब्ध कराई जाए सामान में कटौती वापिस हो। सीएसडी कैंटीन पर लगने वाले वैट 3% टैक्स को घटाकर 1% किया जाए व जहां सेना, पैरामिलिट्री की कैंटीन सुविधा नहीं वहां मोबाइल कैंटीन सुविधा उपलब्ध कराई जाए वस्तुओं पर  जीएसटी समाप्त हो। राज्य सैनिक कल्याण विभाग में निदेशक व  उप निदेशकों व उनके स्टाफ़ के भी सभी पद तुरंत प्रभाव से भरे जाऐं। तहसील स्तर पर पूर्व सैनिक हेल्पलाइन सेलों को खोला जाए जहां किसी मुश्किल के समय में सेवानिवृत्त व सेवारत सैनिकों के परिजनों को तुरंत सहायता मिल सके। यदि संभव हो तो इन सहायता सैलों पर कैंटीन व ईसीएचएस सुविधा का भी प्रावधान किया जाए।

कैंटीन के माध्यम से खरीदे गए वाहनों, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं पर लगा 3% टैक्स कम हो। मतियाना, रामपुर व किन्नौर में सैनिक रेस्ट हाउस निर्मित किए जाऐं। विवादित अग्निपथ भर्ती योजना हमारे युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ है इसे केन्द्र सरकार तुरंत प्रभाव से वापिस ले व पुरानी निति अनुसार भर्ती हो व दो सालों में जिन युवाओं ने शारिरिक व मेडिकल परीक्षा पास कर ली है उनकी लिखित परीक्षा करवा सेना में भर्ती किया जाए। इसके अलावा और भी अनेक विषय हैं जिन्हें हल करना ज़रूरी है।
 
यदि प्रदेश की भाजपा सरकार चुनावों के आते ही पूर्व सैनिकों के मुद्दों को लेकर अब कोई आश्वासन देती है तो उसके कोई भी मायने नहीं रह जाते। पूर्व व सेवारत सैनिकों का घोर अहित करने वाली भाजपा सरकार की पोल पूरी तरह से खुल चुकी है और अब तो सब पूर्व सैनिकों को अच्छी तरह ज्ञात हो गया है कि यह सिर्फ और सिर्फ चुनावी जुमले होंगे, वह सरकार झूठी चाल में कदापि फंसने वाले नहीं हैं। क्योंकि जब प्रदेश सरकार पिछले पांच सालों में अपने वायदों को पूरा नहीं कर सकी तो अब उनका क्या भरोसा।

अंत में सेवानिवृत्त मेजर जनरल राणा ने बताया कि उन्हें इस सम्बन्ध में पूर्व सैनिकों, पैरामिलिट्री संगठनों से प्राप्त सभी महत्वपूर्ण मुद्दों की प्रतिलिपियां भी प्राप्त हुई हैं उनमें से महत्वपूर्ण विषयों पर पूर्ण विचार करके कांग्रेस पार्टी अपने मैनिफेस्टो में भी स्थान देगी व इसकी प्रतिलिपि मैनीफेस्टो कमेटी को प्रदेश के सह प्रभारी के माध्यम से भी सौंप भी दी गई हैं।

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