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नए वैज्ञानिकों से कुलपति चौधरी का आह्वान उच्च गुणवत्ता के लिए दायरे से बाहर भी सोचें

विश्वविद्यालय में नए संकाय के वैज्ञानिकों व शिक्षकों के लिए छह दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आरंभ

पालमपुर, रिपोर्ट 
चौसकु हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.एच. के.चौधरी ने वैज्ञानिकों व शिक्षकों से आह्वान किया कि वह उच्च गुणवत्ता के लिए दायरे से बाहर होकर भी सोचें। कुलपति प्रो. चौधरी विश्वविद्यालय में नए भर्ती हुए वैज्ञानिकों और शिक्षकों को छह दिवसीय नव प्रशिक्षण कार्यक्रम ;इंडक्शनद्ध के उदघाटन अवसर पर सोमवार को संबोधित कर रहें थे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों और किसानों के कल्याण के लिए निस्वार्थ भाव से कार्य किया जाना चाहिए। विश्वविद्यालय में अनुसंधान, प्रसार और शैक्षणिक कार्यो की बेहतरी के लिए जो सुझाव वैज्ञानिक और शिक्षक देंगें उन्हें माना जाएगा व उनका उपयोग करते हुए उन्हें आगे बढ़ने में मदद की जाएगी।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को केंद्र और प्रदेश सरकार से भरपूर समर्थन मिल रहा है। 55 शिक्षकों की भर्ती की गई है और जल्द ही 26 और शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। उन्होंने कहा कि नई चुनौतियां सामने आ रही है जिसे सामूहिक तौर पर सभी को मिलकर सामना करना है। उन्होंने वैज्ञानिकों से कहा कि वह कठिनाईयों से ऊपर उठें और शिक्षा, अनुसंधान और प्रसार शिक्षा गतिविधियों में बेहतर प्राप्त करने के लिए लीक से हटकर सोचें।
प्रो.एच.के. चौधरी ने कहा कि युवा संकाय विश्व स्तर के मानकों और प्रो हरगोबिंद खुराना, डा.एम.एस.स्वामीनाथन, डा.खेम सिंह गिल आदि जैसे शीर्ष भारतीय वैज्ञानिकों के काम से प्रेरणा ले सकते है। उन्होंने दूरदराज के जनजातीय क्षेत्र कुकुमसेरी में किस प्रकार से अपना कार्य आरंभ किया। उसके बाद  पालमपुर में विश्व स्तरीय अनुसंधान सुविधाएं स्थापित की है जहां अब जापान, आस्टेªलिया और अन्य देशों के वैज्ञानिक क्रोमोसोम इंजीनियरिंग, टिशू कल्चर, आणविक जीव विज्ञान आदि में अनुसंधान करने के लिए आना चाहते है। प्रो. चौधरी ने कहा कि अब नए युवा वैज्ञानिकों को खुद के प्रबंधक बन नवाचार के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने सभी परिस्थितियों और उसके मुताबिक कार्य करने और भविष्य को देखते हुए कार्य करने मौलिक व व्यावहारिक शोध पर अपने को केंद्रित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि उन्हें छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज करने और अतिरिक्त घंटे काम करने की आवश्यकता है।
कुलपति प्रो.चौधरी ने बताया कि दोहरी अगुणित तकनीक पर काम करते हुए वह खुद प्रयोगशाला में बढ़िया परिणाम के लिए सोते रहे हैं। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि जब आप कुछ अतिरिक्त देने के लिए अलग तरह से सोचते है और काम करते है तो वह दुनिया के लिए नया होता है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपना लक्ष्य ऊंचा रखना चाहिए और उसके लिए पूर्ण समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ काम शुरू करना चाहिए। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकांे को अपने सपनों को साकार करने के लिए बैचेन होना पड़ेगा तभी वह पुराने रिकार्डो को तोड़ते हुए नए शोध कर पाएगें। उन्होंने उन्हंे देश और राज्य की आवश्यकताओं को लेकर विस्तार से बताते हुए कहा कि जब आप आरामदायक स्थिति में रहेंगें तो भी कोई भी सम्मान नहीं करेगा। लिहाजा आगे बढ़े और मजबूत कदमों के साथ दुनिया को जीतने के लिए कार्य करें। प्रो. चौधरी ने नई शिक्षा नीति को लेकर भी विस्तार से उउन्हें जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि उन्हें सभी सुविधाए प्रदान होगी ताकि वह अपने कार्यो को सफलतापूर्वक कर सकें।  
अनुसंधान निदेशक डा.एस.पी.दीक्षित और मानव संसाधन विकास और प्लेसमेंट केंद्र के कार्यक्रम निदेशक डा.पवन कुमार शर्मा ने भी इस दौरान अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में सभी विभागाध्यक्षों सहित संविधिक अधिकारी सहित अस्सी के लगभग वैज्ञानिक मौजूद रहे।

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