राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा विद्यार्थी परिषद के इतिहास पर लिखित पुस्तक ध्येय यात्रा के विमोचन समारोह के अवसर पर कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का गौरवपूर्ण इतिहास भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरक है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1948 में संगठन ने अपनी यात्रा शुरू की और आज यह एक वट वृक्ष के रूप में विकसित हो चुका है और इससे जुड़ा प्रत्येक सदस्य गर्व का अनुभव करता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद ने किसी भी राजनैतिक दल से कभी भी अपनी विचारधारा को नहीं जोड़ा। यही कारण है कि संगठन ने कभी इस बात की परवाह नहीं की कि वह सत्ता में है अथवा नहीं। इसके विपरीत देश के समक्ष आने वाली किसी भी प्रकार की चुनौती के समय में संगठन के प्रत्येक कार्यकर्ता ने आगे बढ़कर कार्य किया है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में राष्ट्र के प्रति समर्पित भाव से कार्य करने के विचार को प्रतिस्थापित करने में संगठन ने कड़ी मेहनत की है, जो कि प्रशंसनीय है।
यशवंत राव केलकर तथा दतोपंत ठेंगड़ी के साथ बिताये पलों को स्मरण करते हुए श्री आर्लेकर ने कहा कि उन्हें इन विभूतियों से यह सीखने का अवसर मिला कि किसी कार्यकर्ता को संगठन के प्रति कैसे समर्पित होना चाहिए। उन्होंने भाषण के बजाय अपने आचरण से उनका मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद जैसा संगठन ऐसे ही लोगों के बलिदान से ही उभरा है। उन्होंने कहा कि इस संगठन के कार्य की तुलना किसी अन्य से नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयता की भावना को बनाए रखने के लिए अनेकों कार्यकर्ताओं ने अपने जीवन का बलिदान दिया है। राज्यपाल ने कहा कि संगठन में शामिल होने के उपरांत ही इसके उद्देश्य एवं ध्येय के बारे में जानकारी मिल सकती है और इस पुस्तक के दो खण्डों के माध्यम से यह ध्येय पाठकों के समक्ष लाने का प्रयास किया गया है।
राज्यपाल ने इस अवसर पर सीमा ठाकुर द्वारा लिखित पुस्तक जेंडर एंड सोसायटी का भी विमोचन किया।
इस अवसर पर राज्यपाल का स्वागत करते हुए समारोह के विशिष्ट अतिथि एवं एबीवीपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. नागेश ठाकुर ने कहा कि परिषद ने देश के लिए अपना वैचारिक योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि यह संगठन एक बड़ा लक्ष्य लेकर चला था और स्वभाविक रूप से इसका सफर भी लंबा रहा है। डॉ. नागेश ठाकुर ने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एबीवीपी को अभी लंबा रास्ता तय करना है। उन्होंने पुस्तक के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला और संगठन के उद्देश्य, कार्यों और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
एबीवीपी के क्षेत्रीय संगठन मंत्री विजय प्रताप ने कहा कि इस पुस्तक के माध्यम से संगठन के गौरवशाली इतिहास का उल्लेख किया गया है, जिससे समाज को एक दिशा मिली है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति का विकास ही समाज और राष्ट्र निर्माण का मार्ग प्रशस्त करता है और उक्त पुस्तक इसी उद्देश्य के साथ प्रकाशित की गई है।
कार्यक्रम के दौरान एबीवीपी के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. शशिकांत ने राज्यपाल का स्वागत किया और संगठन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से अवगत करवाया। प्रदेश सह-मंत्री ने शिल्पा कुमारी ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
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