जोगेंद्रनगर में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रोटरी कल्ब की एक और अनूठी मुहिम।
जोगेंद्रनगर, जतिन लटावा
उपमंडल जोगेंद्रनगर में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अब रोटरी कल्ब ने ग्रामीण क्षेत्र भराडू में पहला लघु उद्योग स्थापित कर दिया है। जहां महिलाएं अजिविका कमा सकेगी। करीब तीन लाख के दोना-पतल उद्योग की मशीनरी भराडू में स्थापित होने के बाद रोटरी की सामुदायिक समिति दोना उद्योग का संचालन करेगी। करीब 15 महिलाओं को इस उद्योग में रोजगार प्रथम चरण में दिलाया जाएगा। कार्यशैली के अनुरूप इस उद्योग में मशीनरी का विस्तार होगा। रोटरी कल्ब के नवनियुक्त अध्यक्ष रामलाल वालिया ने बताया कि रोटरी कल्ब के माध्यम से दोना-पतल उद्योग की मशीन ग्रामीण क्षेत्र भराडू में स्थापित कर दी गई है। जहां पर महिलाएं घर बैठे आमदनी जुटा पाएगी। बताया कि तीन लाख रूपये रोटरी कल्ब के द्वारा इस प्रोजेक्ट पर खर्च किए जा रहे हैं।
जिससे लाभार्थी आसानी से रोजगार के कार्य कर सकेगें। कहा कि प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगने के बाद दोना पतल का यह उद्योग उपमंडल में पर्यावरण संरक्षण के लिए भी वरदान साबित होगा। रोटरी कल्ब के असिस्टेंट गर्वनर अजय ठाकुर ने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों को रोजगार दिलाने के लिए रोटरी कल्ब ने उपमंडल के ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे उद्योग लगाने की अनूठी मुहिम शुरू की है। विधानसभा क्षेत्र जोगेंद्रनगर की चिन्हित पंचायतों में छोटे उद्योग स्थापित किए जायेंगे। जहां पर युवा पीढ़ी भी आसानी से आमदनी जुटा सकेगी। बताया कि रोटरी कल्ब के दूसरे पायलेट प्रोजेक्ट में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई मशीनें भी जल्द उपलब्ध करवाई जाएगी। इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए रोटरी कल्ब की आगामी बैठक में जल्द प्रस्ताव पारित किया जाएगा। मंगलवार को रोटरी कल्ब के अध्यक्ष रामलाल वालिया ने रोटरी कल्ब की साल भर की प्रस्तावित योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि पौधा रोपण अभियान भी जुलाई माह में रोटरी कल्ब के तत्वाधान से शुरू होगा। शहर के नजदीकी स्यूरी जंगल में सभी प्रकार के पौधे रोपकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जाएगा। पौधे रोपने के अलावा उनके संरक्षण का जिम्मा भी रोटरी कल्ब उठाएगा।
क्या कहते हैं रामलाल वालिया, अध्यक्ष रोटरी कल्ब जोगेंद्रनगर।
ग्रामीण क्षेत्र भराडू में तीन लाख की लागत से दोना पतल उद्योग की मशीनरी स्थापित कर दी गई है। सामुदायिक समिति के गठित होते ही महिलाओं को दोना पतल बनाने का जिमा सौंपा जाएगा। महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए उपमंडल के अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में रोटरी कल्ब के ऐसे उद्योग स्थापित होगें।
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