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ऐतिहासिक चंबा मिंजर मेला की अपनी अलग पहचान: राज्यपाल

चंबा,रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा में अंतरराष्ट्रीय स्तर के मिंजर मेले का आगाज रविवार को हुआ।जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर ने शिरकत की। शोभा यात्रा के दौरान पहली बार जिला के सभी विकास खंडों के सांस्कृतिक दल और वाद्य यंत्रियों को शामिल किया गया। मिंजर का मेला दो समुदायों के लोग् मुस्लिम और हिंदू मिलकर मनाते हैं।इस मेले के लिए जो मिंजर तैयार की जाती है,वह मुस्लिम समुदाय के लोग तैयार करते हैं।मुख्य अतिथि ने झंडा रसम अदा कर मेले का विधिवत शुभारंभ किया।मिंजर का यह मेला 24 तारीख से 31 तारीख तक बड़ी धूमधाम तक मनाया जाता है।
मिंजर मेले मे  प्रदेश साहित बाहरी राज्यों से भी काफी संख्या मे लोग आते है,और इस मेले का लुप्त उठाते है।मेले के दौरान लोग जमकर खरीददारी करते हैं।वहीं पिछले दो साल से कोरोना के चलते इस मेले का आयोजन नहीं हो सका था।अब दो साल बाद जब इस मेले का आयोजन हो रहा है तो लोगों मे काफी उत्साह देखने को मिला। 
लोगों ने पारंपारिक वेशभूषा औरवाद्य यंत्रों के साथ् मेले मे शिरकत की।मेले मे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की थीम पर कार्यक्रम का आयोजन किया। मेले में ड्रोन से हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए पहली बार मिंजर मेले में ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ताकि सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत हो। पुलिस प्रशासन ने अत्याधुनिक तकनीक से लैस दो ड्रोन खरीदे हैं। यातायात व भीड़ वाले स्थानों पर जहां सीसीटीवी कैमरे व पुलिस की व्यवस्था नहीं हो सकती है। वहां पर ड्रोन नजर रखेंगे। 
शहर में विभिन्न स्थानों पर पुलिसकर्मी तैनात कर दिए हैैं। सीसीटीवी कैमरों में भी हर गतिविधि पर नजर रखेंगे।ड्रोन टेक आफ साइट से तीन किलोमीटर तक उड़ सकते हैं। मेडिकल कालेज से भरमौर चौक, जुलाहकड़ी, सुलतानपुर, पक्काटाला बारगाह, नए बस स्टैंड सहित जिला मुख्यालय के साथ लगते मोहल्लों, सड़कों व सार्वजनिक स्थानों पर ड्रोन से हर गतिविधि पर नजर रखी जाएगी। ड्रोन जमीन से दो से तीन सौ मीटर की ऊंचाई पर करीब तीन किलोमीटर के दायरे में उडऩे के साथ इससे आगे भी एक किलोमीटर तक निगरानी रखेगा। टेक आफ साइट से इसे दो से तीन किलोमीटर तक भेजा जा सकता है। टेक आफ करने पर ड्रोन में लगे कैमरे रिकार्ड करना शुरू करेंगे। कैमरे में 10 एक्स आप्टिकल जूम है, जिसमें वीडियो एचडी क्वालिटी में रिकार्ड होगी।
मुख्यातिथि ने कहा कि उनका यह चम्बा जिले का पहला दौरा है।राज्यपाल ने कहा कि ऐतिहासिक मिंजर मेला की अपनी अलग पहचान है। ज़िला की समृद्ध लोक कला एवं संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन और सामाजिक सौहार्द को बनाए रखने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने मेले के सफल आयोजन में आधुनिकता के उचित समावेश पर बल दिया। उन्होंने कहा कि चंबा की समृद्ध लोक संस्कृति है। इस संस्कृति को पुरातन समय से लोगों द्वारा सहेजा जा रहा है। उन्होंने  लोगों का आह्वान किया कि स्थानीय पारंपारिक लोक संस्कृति व सामाजिक सौहार्द को वे इसी तरह संरक्षित रखा जाना चाहिए।उन्होंने ज़िला की प्रसिद्ध कलाकृति चंबा रुमाल और चंबा चप्पल का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि चंबा चप्पल और चंबा रुमाल को भौगोलिक संकेत (जीआई टैग) मिलने से चंबा को प्रसिद्धि मिल रही है।
 मिंजर मेला आयोजन समिति की तरफ से उपायुक्त एवं अध्यक्ष  डीसी राणा ने राज्यपाल को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि समिति द्वारा रात्रि सांस्कृतिक संध्या में हर वर्ग की रुचि का ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि चंबा जिला और प्रदेश के अन्य जिलों के कलाकारों को भी 8 दिनों तक चलने वाले इस मेले में अपनी प्रस्तुतियां देने का मौका मिलेगा।

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