वनस्पति विज्ञान में बतौर वैज्ञानिक शोध के लिए के OSU संस्थान को पौधों के रोगों के परीक्षण को कारगर बनाने के लिए एक अरब डॉलर का अनुदान
धर्मपुर,संगीता मंडियाल
धर्मपुर उपमण्डल के झँगी गांव की पूनम शर्मा ने अमेरिका में अपनी कामयाबी का लोहा मनवाते हुए धूम मचाई है पूनम शर्मा को वनस्पति विज्ञान में बतौर वैज्ञानिक शोध के लिए के OSU संस्थान को पौधों के रोगों के परीक्षण को कारगर बनाने के लिए एक अरबडॉलर का अनुदान प्राप्त हुआ U.S.A मैं स्थित ओक्लाहोमा स्टेट यूनिवर्सिटी (OSU) के इंस्टीट्यूट ऑफ बायोसिक्योरिटी एंड माइक्रोबियल फोरेंसिक (IBMF) के वैज्ञानिक एक राष्ट्रीय परियोजना का नेतृत्व कर रहे हैं जो पौधों के रोगजनकों के लिए अधिक कुशल नैदानिक प्रथाओं को बनाने की दिशा में तैयार है।
एक अरब डॉलर की परियोजना -
यूएसडीए के राष्ट्रीय खाद्य और कृषि संस्थान द्वारा वित्त पोषित है। इसका उद्देश्य अमेरिकी उत्पादन प्रणालियों की रक्षा करना, सुरक्षित और लाभकारी व्यापार सुनिश्चित करना और खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित करना है।
आईबीएमएफ के निदेशक और प्लांट पैथोलॉजी के प्रोफेसर किट्टी कार्डवेल ने कहा कि देश भर में प्लांट पैथोलॉजिस्ट पहले से ही विभिन्न प्लांट रोगजनकों के लिए नैदानिक उपकरण विकसित कर रहे हैं। हालांकि, इस तरह के शोध की जानकारी पूरे देश में भिखरी हुई है और कई जगहों पर रखी गई है। हम प्रयासों का समन्वय करना चाहते हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि शोधकर्ताओं के पास इस जानकारी को बिखरने के बजाय एक ही स्थान पर आवश्यक संसाधन हों।
डायग्नोस्टिक एवं वैलिडेशन नेटवर्क (डीएवीएन - DAVN) पौधों के रोगजनकों के लिए विकसित शोधकर्ताओं, रोगज़नक़ आनुवंशिक डेटा और नैदानिक उपकरणों के बारे में जानकारी रखेगा। यह जानकारी को इस तरह से सूचीबद्ध और वर्गीकृत करेगा जिससे प्लांट पैथोलॉजिस्ट जानकारी को जल्दी और कुशलता से ढूंढ सकें।
डीएवीएन पर काम कर रही आणविक जीव विज्ञान में एक शोधकर्ता और सहायक प्रोफेसर पूनम शर्मा ने कहा कि पौधे के रोगज़नक़ के लिए गलत निदान मिलने या पौधे के रोगज़नक़ के लिए परीक्षण नहीं होने से कृषि व्यवसाय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। "
U.S.A की कृषि जैव सुरक्षा विश्वसनीय नैदानिक परीक्षण पर निर्भर करती है। यदि आपके पास एक मान्य परीक्षण नहीं है, तो रोग को नियंत्रित करने के लिए सटीक निदान करना मुश्किल है, और यह खाद्य सुरक्षा के लिए जोखिम बन जाता है, ”शर्मा ने कहा। डीएवीएन U.S.A में पौधों के रोगों का निदान और सत्यापन अनुसंधान का समन्वय, मानकीकरण और सामंजस्य स्थापित करेगा।
पूनम शर्मा की शिक्षा पुणे विश्वविद्याल से एमएससी व फ़्रांश से डॉक्टरेट(पीएचडी) करने के बाद पूनम अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय में बतौर वैज्ञानिक कार्य करने लगी है जहां उसे इस बड़े प्रोजेक्ट में कार्य करने का अवशर मिला है जिसकी सूचना मिलने पर पूनम के पैतृक गांव झँगी व मामा के गांव सरी में खुशियां मनाई जा रही है। पूनम के पिता जीपी शर्मा सेवानिवृत कर्नल हैं और माता शीला शर्मा गृहणी है पूनम के पडनाना मोलक राज शर्मा अंग्रेजी हकूमत के वक्त में तहसीलदार के पद पर रहे हैं उनके नाना भी खंड शिक्षा अधिकारी के पद पर रहे हैं।पूनम की शादी वारानशीं के सुशीम शर्मा के साथ हुई है जो अमेरिका में ही सेटल हैं उनकी इस कामयाबी पर धर्मपुर के विधायक एवम प्रदेश सरकार में वरिष्ठ मंत्री ठाकुर महेंद्र सिंह ,भाजपा प्रदेश सह मीडिया प्रभारी एवम सहारा संस्था के प्रमुख रजत ठाकुर,सहारा फाउंडेशन की उपाध्यक्ष संगीता मंडयाल,सेवानिवृत प्रिंसिपल दीना नाथ शर्मा,सेवानिवृत अधिशाषी अभियंता व्यास देव शर्मा,एसडीएम धर्मपुर करतार चंद धीमान ने उन्हें बधाई संदेश भेजा है।
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