पालमपुर, रिपोर्ट
शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा राजकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय पालमपुर के प्राध्यापक लगातार दूसरे दिन भी भूख हड़ताल पर रहे। ज्ञातव्य हो कि हिमाचल प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में कार्यरत प्राध्यापक लंबे समय से अपनी विभिन्न मांगों को सरकार के समक्ष उठाते रहे हैं। उनके चुने हुए प्रतिनिधियों ने समय-समय पर मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, अन्य मंत्रियों, अध्यक्ष विधानसभा, विधायकों तथा शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को ज्ञापन पत्र देकर सरकार से लंबित मुद्दों का समाधान करने का आग्रह किया।
एच जी सी टी ए की स्थानीय इकाई के अध्यक्ष डॉ सुजीत सरोच तथा महासचिव प्रो निवेदिता परमार ने कहा कि 1 जनवरी 2016 से यूजीसी पे स्केल प्रदेश के विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों में कार्यरत अध्यापकों को देय हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार जब यूजीसी द्वारा दिए जाने वाले पे स्केल को अपने राज्य में लागू करती है तो यूजीसी प्रथम 5 वर्ष के लिए जितना भी एरियर बनता है उसमें से 50% धनराशि राज्य सरकार को देती है।
देश के 29 मे से 27 राज्यों की सरकारों ने अपने अपने प्रदेश के विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों में कार्यरत प्राध्यापकों को 2021 से पहले ही नए वेतनमान दे दिए हैं। जहां तक हिमाचल प्रदेश के अन्य कर्मचारियों और अधिकारियों का संबंध है उनको राज्य सरकार ने नए वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार पे स्केल दे दिए हैं।
इसके अतिरिक्त प्राध्यापकों की यह मांग है कि महाविद्यालयों में प्रोफेसर के पद का सृजन किया जाए। बताते चलें कि पंजाब सहित देश के अधिकांश राज्यों के महाविद्यालय में प्रोफेसर का पद है। प्रदेश में 132 महाविद्यालयों में से 90 महाविद्यालयाें में नियमित प्राचार्याें के पद रिक्त हैं। पिछले 4 वर्षों से प्रदेश में प्राचार्याें की पदोन्नति नहीं की गई। फलस्वरूप महाविद्यालयों में शैक्षिक प्रशासन को सुचारू रूप से चलाने में अनेक प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
प्राध्यापकों की यह भी मांग है कि अनुबंध अध्यापकों को नोशनल बेनिफिट्स दिये जाएं तथा नौकरी में आने के पश्चात एम फिल तथा पीएचडी करने पर दी जाने वाली इंक्रीमेंट्स को बहाल किया जाए।
इस अवसर पर डॉ अश्विनी पाराशर, प्रो पंकज सूद, प्रो राजेश चौधरी, प्रो कल्पना ऋषि, डॉ सुरेश शर्मा, डॉ अजय ठाकुर, डॉ अनीता सरोच, प्रो धनवीर ,प्रो राजेश कुमार, प्रो विपन कुमार, डॉ स्वाति महाजन, प्रो राजीव भूरिया, डॉ राकेश कुमार पुष्प, प्रो दिनेश कुमार, प्रो अनुराधा शर्मा, प्रो संजीव कुमार, प्रो अंजलि सैनी, प्रो साहिल महाजन, प्रो विकास कलोतरा, प्रो अनिल कुमार, प्रो तरसेम कुमार, प्रो नेम राज, डॉ नितिका शर्मा, प्रो मयंक राणा ,प्रो रानी नरियाल, प्रो अमरजीत तथा पुस्तकालय अध्यक्ष श्री महेश सूद ने भी प्राध्यापकों की सांझी मांगो के बारे में चर्चा कर सरकार के नकारात्मक रवैए पर चिंता जताई ।
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