पालमपुर,रिपोर्ट
शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा राजकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय के प्राध्यापकों द्वारा यूजीसी की सिफारिशों व सातवें वित्त आयोग को शीघ्र अति शीघ्र लागू करने के लिए आज पुनः भूख हड़ताल की। इससे पूर्व भी 23 मई को पूरे प्रदेश के कालेज प्राध्यापक अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे थे ।
एच जी सी टी ए की स्थानीय इकाई के अध्यक्ष डॉ सुजीत सरोच ने कहा कि यूजीसी स्केल जनवरी 2016 से लंबित है तथा हिमाचल प्रदेश मे यूजीसी द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप 2014 से एम फिल और पी एच डी की इंक्रीमेंट भी नहीं प्रदान की जा रही है। इसके अतिरिक्त अन्य चिर लंबित मांगो जैसे प्राचार्यो की डीपीसी करवाना, अनुबंधित अध्यापकों को नोशनल बेनिफिट्स देना तथा महाविद्यालयों में प्रोफेसर के पद सृजित करना आदि पर सरकार उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं।
उन्होने कहा कि इन सभी मांगों को विचार करने के लिए सरकार को हमारी केंद्रीय कार्यकारिणी ने कई ज्ञापन दिए लेकिन आज तक कोई आशाजनक और सकारात्मक परिणाम नहीं निकल कर नहीं आये हैं। अपने कर्मचारियों के हितों का संरक्षण करना और उनकी जायज मांगों पर विचार करना सरकार का नैतिक कर्तव्य बनता है। जब हम अपने शैक्षणिक दायित्व का निर्वाहन भलीभांति कर रहे हैं तो सरकार से भी सहयोगात्मक और सकारात्मक रवैया की अपेक्षा की जाती है।
डॉ सरोज ने बताया कि हम अपने हकों के लिए संघर्ष कर रहे हैं ,और अगर यथास्थिति बनी रही तो आंदोलन आक्रामक रूप धारण कर सकता है।
इस अवसर पर डॉ अश्विनी पाराशर,डॉ संजीव कुमार, प्रो अरुण चंद्र , प्रो सुरेश,डॉ नीना शर्मा ,डॉ सुनील कटोच , प्रो कल्पना ऋषि ,डॉ अनीता सरोज ,प्रो निवेदिता परमार ,प्रो धनवीर सिंह ,डॉ आर एस गुलेरिया, प्रो संजीव शर्मा, डॉ शैलजा वासुदेवा,प्रो दीप कुमार, प्रो राजेश कुमार, प्रो विपन, डॉ स्वाति महाजन , प्रो रेनू ,प्रो राकेश पुष्प, प्रो दिनेश, प्रो संजीव , प्रो विकास ,प्रो अनुराधा ,प्रो अनिल, प्रो निशा, डॉ आशु फुल्ल,प्रो तरसेम, डॉ अमरजीत ,प्रो रानी, प्रो नीतिका, प्रो नेम राज व प्रो मयंक आदि उपस्थित रहे।
0 Comments