पालमपुर , प्रवीण शर्मा
सेंट पॉल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, पालमपुर में चल रही चार दिवसीय डीओए सीएनआई की 28वीं डायोकेसन काउंसिल का समापन शनिवार को हुआ। जिसमें 131 प्रतिनिधियों की भागीदारी रही। जिसमें पादरी, डायोकेसन संस्थानों के प्रमुख और पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू और कश्मीर से मंडलियों के निर्वाचित प्रतिनिधि शामिल थे।
इस अवसर पर बिशप एवम अध्यक्ष डायोसिस ऑफ अमृतसर, सीएनआई रेवरेंड डॉ पी के सामंतराय ने कहा कि बढ़ती वैश्विक उथल-पुथल, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा और अन्याय की घटनाओं और प्राकृतिक संसाधनों के अपव्यय के परिणामस्वरूप पर्यावरण में गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी, विभिन्न युद्धों, वंचितों, हाशिए पर जाने, अपराध, अन्याय, आदि से प्रभावित लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए अब चर्च अतिरिक्त कार्य करेगा।
उन्होंने कहा कि "ईसाइयों को सुसमाचार प्रचार के माध्यम से प्रभु यीशु मसीह की शिक्षाओं के आधार पर अपने जीवन को बदलने के लिए मजबूत करना हमारी प्राथमिकता होगी । इसके बाद अकादमिक परियोजनाएं सुनिश्चित करेंगी कि कोई भी बच्चा संसाधनों की कमी के कारण शिक्षा से वंचित न रहे।
बिशप ने कहा कि डीओए महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है ताकि समुदायों को सशक्त बनाया जा सके ।
कार्यस्थल पर महिलाओं के उत्पीड़न के बारे में उन्होंने कहा कि डीओए समितियां बनाएगा और इस मुद्दे से निपटने के लिए नीतियां बनाएगा। धर्माध्यक्ष सामंतराय ने अपने लापरवाह व्यवहार के माध्यम से ईश्वर प्रदत्त प्राकृतिक संसाधनों को मानव जाति द्वारा किए गए नुकसान को स्वीकार करते हुए कहा कि सूबा अपने वृक्षारोपण अभियान को जारी रखेगा, इसके अलावा लोगों को भी इसका पालन करने के लिए प्रेरित करेगा। प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए काम करने की आवश्यकता का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को जैविक खेती के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा, जो पारंपरिक खेती के तरीकों की तुलना में बहुत अधिक पर्यावरण के अनुकूल है। इस अवसर पर डी ओ सी के उपाध्यक्ष सोहन लाल, सचिव रेवरेंड वीरेंदर पाल सिंह, प्रापर्टी प्रबंधक डेनियल बी दास और कई गणमान्य लोग उपस्थित हुए।
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डायोसिस ऑफ अमृतसर, के अध्यक्ष बिशप रेवरेंड डॉ पी के सामंतराय , सचिव रेवरेंड वीरेंदर पाल सिंह और उपाध्यक्ष सोहन लाल
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