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जोगेंद्रनगर में प्री मानसून से निपटने की प्रशासन ने शुरू की तैयारी, 24 घंटे खुले रहेगें कंट्रोल रूम

लोक निर्माण विभाग को मशीनरी तैयार रखने के निर्देश, अलर्ट पर दमकल विभाग।

जतिन लटावा, जोगेंद्रनगर
मंडी जिला के जोगेंद्रनगर में प्री मानसून से होने वाले नुकसान से निपटने के लिए प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है। आपदाओं से निपटने के लिए उपमंडल स्तर पर स्थापित कंट्रोल रूम 24 घंटे खुले रहेगें। आवश्यक उपकरण भी उपमंडल में पहुंच चुके हैं। प्राकृतिक आपदा में जानमाल से आमजन को सुरक्षित बचाने के लिए प्रशासन का मास्टर प्लान तैयार है। योजनाबद्ध तरीके से प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए इस बार आधुनिक तकनीक का सहारा लिया जाएगा। अति संवेदनशील मार्गाें पर भू स्खलन की जानकारी के लिए आधुनिक उपकरण स्थापित होगें। कंट्रोल रूम के माध्यम से हर प्रकार की आपदा की मोनिटरिंग होगी। लोक निर्माण विभाग को जेसीबी मशीन व अन्य आवश्यक उपकरण तैयार रखने के दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। एसडीएम डाॅ मेजर विशाल शर्मा ने बताया कि इस दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग व लोक निर्माण विभाग को एक सप्ताह के अंदर संवेदनशील मार्गों की दरकती पहाड़ियों की जानकारी कार्यालय में तलब करने के आदेश जारी कर दिए हैं साथ ही वैकल्पिक मार्गों की दशा सुधारने की भी हिदायत दी जाएगी। 
बिजली विभाग को हाई वोल्टेज तारों के नजदीक सूखे व हवा मंे लटकते पेड़ों की जानकारी प्रेषित करने के लिए कहा गया। दमकल विभाग को प्राकृतिक आपदा से निपटने से सबंधित उपकरणों आदि की उपलब्धता का ब्यौरा मांगा गया। इसके अलावा सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग को भी पानी के भंडारणों की साफ सफाई और नियमित पेयजल आपूर्ति के लिए चेताया गया। प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए विभागीय अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त कर आपदा की माॅनिटरिंग होगी। लोक निर्माण विभाग को भू स्खलन के चिन्हित जगहों पर डोजर व जेसीबी मशीन की तैनाती की जानकारी हासिल कर पुख्ता प्रबंध किए जाएगें। उन्होंने बताया कि मंडी पठानकोट हाईवे के गुम्मा, हराबाग और कोटरोपी में भूस्खलन की आशंका को देखते हुए उपमंडल जोगेंद्रनगर के वैकल्पिक मार्गों का अधिक इस्तेमाल हो इसके लिए भी अधिकारियों को सड़कों की हालत में सुधार लाने का आहवान किया गया है। वहीं सरकाघाट मार्ग के बसाही से चीहर तक भी पहाड़ियां दरकने के दौरान यातायात बाधित न हो इसलिए यहां पर लोक निर्माण विभाग की भारी भरकम मशीनरी को समय रहते तैनात कर दिया जाएगा।

जुलाई माह में होगी आपदा प्रबंधन की पहली बैठक।

उपमंडलाधिकारी नागरिक कार्यालय में प्राकृतिक आपदा की पहली बैठक जुलाई माह के पहले सप्ताह में होगी। इस दौरान विभिन्न विभागों के अधिकारियों से आपदा प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा होगी।एसडीएम डाॅ मेजर विशाल शर्मा ने कहा कि समय रहते विभागीय अधिकारियों को अपने साजो सामान के साथ तैयार रहने के निर्देश दिए। इसके अलावा शहर की बंद नालियों को भी सुधारने के लिए निर्देश दिए गए ताकि बारिश के दौरान सड़कें जलमग्न न हो और स्थानीय लोगों और व्यवसायियों के घरों और दुकानों में पानी घुसने से होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।

 

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