मधुमक्खी अनसुंधान केंद्र को मधुमक्खी विरासत फार्म में स्तरोन्नत करने के प्रयास: कुलपति, प्रो. एच.के.चौधरी
पालमपुर,रिपोर्ट
चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय ने मधुमक्खी अनुसंधान केंद्र नगरोटा बगवां में शुक्रवार को विश्व मधुमक्खी दिवस मनाया। कार्यक्रम में मधुमक्खी पालकों को संबोधित करते हुए नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र के विधायक अरूण मेहरा ने कहा कि पहाड़ी मधुमक्खी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए वैज्ञानिकों और अन्य विशेषज्ञों का मार्गदर्शन लें। मधुमक्खी अनुसंधान केंद्र के विकास और सुधार के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए कुलपति प्रो.एच.के.चोधरी का धन्यवाद किया।
विशिष्ट अतिथि कुलपति प्रो.एच.के.चौधरी ने बताया कि मधुमक्खी अनुसंधान केंद्र को भारत के मधुमक्खी विरासत फार्म के तौर पर स्तरोन्नत करने के लिए प्रयास आरंभ कर दिए गए है। उन्होंने मधुमक्खी पालकों से कहा कि वे अपने शहद उत्पादन को बढ़ाने के लिए वैज्ञानिकों की मदद लें। कुलपति ने विद्यार्थियों को कहा कि वह कृषि क्षेत्र में उद्योग के तौर मधुमक्खी पालन और अन्य उद्योगों को अपनाए और अन्य युवाओं को भी रोजगार प्रदान करने में अपनी अहम भूमिका निभाए। उन्होंने स्थानीय विधायक अरूण मेहरा के साथ जिया, चाहड़ी, कबाड़ी, मझोटली और बनूरी पंचायतों के बीस जनजातीय किसानों को एपिस मेलिफेरा मधुमक्खियों की साठ क्लोनियों के बाक्स बांटे।
उन्होंने नए किसानों का चयन करने के लिए केंद्र के प्रभारी डा.सुरेंद्र कुमार शर्मा की सराहना की। कार्यक्रम के दौरान मुख्यअतिथि और कुलपति ने मधुमक्खी पालन से जुड़ी मूलभूत जानकारियों की एक पुस्तिका का विमोचन भी किया। कीट विज्ञान विभाग के प्रमुख डा. आर.एस.चंदेल ने मधुमक्खी पालन के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि किसानों में जागरूकता लाने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की जनजातीय उपयोजना के तहत यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मौजूद मधुमक्खी पालकों को संग्रहालय और फार्म का दौरा भी करवाया गया। शोध निदेशक डा.एस.पी. दीक्षित, प्रसार शिक्षा निदेशक डा.वी.के.शर्मा समेत प्रमुख वैज्ञानिक और विद्यार्थी कार्यक्रम में मौजूद रहे।
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