पालमपुर,रिपोर्ट
यूक्रेन एमबीबीएस छात्र अभिभावक संघ मंगलवार को पूर्व राज्य सभा सांसद शांता कुमार से उनके निवास स्थान पर मिला। संघ की हिमाचल इकाई के प्रवक्ता जितेंद्र गौतम ने पूरे देश के अभिभावकों का प्रतिनिधित्व करते पूर्व राज्य सभा सांसद शांता कुमार से आग्रह किया कि उनके बच्चों का यूक्रेन या अन्य समीपवर्ती देशों में भेजना नामुमकिन है। क्योंकि उनके बच्चे युद्ध के साये से निकलकर अब डिप्रेसन से गुजर रहे हैं । उन्होंने कहा कि बह सब एक मध्यमवर्गीय परिवार हैं, इसलिए हमारे बच्चों का विदेश में एमबीबीएस के लिए एडमिशन हो गया। यूक्रेन के मौजूदा हालात को लेकर अब हम बहुत तनाव में हैं। यूक्रेन में एमबीबीएस कक्षाओं के लिए हमने जो ट्यूशन फीस अदा की वह सालाना 3-4 लाख रुपये है जो हर कोई भारत में भी भुगतान करने को तैयार होगा।
उन्होंने कहा कि सारे यूक्रेन से लौटे करीव 15 से सोलह हजार मेडिकल छात्र हैं, जिनमें से लगभग 4 हज़ार अंतिम वर्ष के हैं, जिनके लिए प्रधान मंत्री, स्वास्थ्य मंत्रालय और एन एम सी ने भारत में अपनी इंटर्नशिप पूरी करने की अनुमति दी है जिनके लिए यह बहुत बड़ी राहत है। लेकिन अब बाकी हमारे 12 हज़ार छात्रों को भी भारत मे ही जगह दी जाए। पहले से पांचवे वर्ष तक प्रवेश देने के लिए भारत में लगभग 600 मेडिकल कॉलेज हैं, तथा हर कॉलेज में हर साल 4-5 सीटें बढ़ा दी जाएं तो सारे छात्र समायोजित हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि एनएमसी मानदंडों के अनुसार जब भी भारत में कोई मेडिकल कॉलेज बंद होता है तो छात्रों को अन्य मेडिकल कॉलेजों में समायोजित किया जाता है। ऐसा ही तब देखने को मिला जब पंजाब के ज्ञान सागर मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले सैकड़ों छात्रों को अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों में एडजस्ट किया गया था।
उन्होंने कहा कि बीच छात्र यूक्रेन से ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे हैं, सरकारी और निजी अस्पतालों में कुछ व्यावहारिक चिकित्सा कक्षाओं के साथ व्यवस्था की जानी चाहिए। जैसा कि यूक्रेन विश्वविद्यालय ने स्थिति ठीक होने तक छात्र के अपने देश में प्रैक्टिकल करने की अधिसूचना दी है, लेकिन यूक्रेन में कोई सामान्य स्थिति नहीं है और साथ ही पूरा यूरोप परेशान है। तो कृपया हमारे छात्रों को अपना अध्ययन जारी रखते क्लिनिकल कार्य की अनुमति मिलनी चाहिये। उन्होंने कहा कि यूक्रेन से लौटे छात्रों के लिए मेडिकल कॉलेज यूक्रेन विश्वविद्यालय में अब शिक्षकों की सोच भारत के प्रति नकारात्मक हो गई है। जैसा कि उनकी सोच है कि भारत रूस का समर्थन करता है।
आदरणीय प्रधान मंत्री महोदय और नड्डा जी और सभी मंत्रालय ने इन सभी छात्रों और उनके परिवारों को युद्ध क्षेत्र से प्रत्येक को बचाकर और ऑपरेशन गंगा द्वारा सुरक्षित रूप से लाकर उन्हें उनके संबंधित परिवारों में लाकर दूसरा जीवन दिया।
पेरेंट्स संघ ने शांता कुमार से आग्रह किया कि बह इस स्थिति में जल्द से जल्द हस्तक्षेप करें और हमारे भविष्य को इस अनिश्चितता से बचाएं।शांता कुमार ने भारत अभिभावक संघ को आश्वाशन दिया कि भारत सरकार हमेशा उनके साथ है तथा वह प्रधानमंत्री भारत सरकार नरेंद्र मोदी जी से इस बारे बात करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत सरकार शीघ्र एक नई पॉलिसी बनाकर यूक्रेन से आए इन बच्चों के भविष्य को पुनः संबारने में पूरी मदद करेगी।
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