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परौर का सरकारी स्कूल किसी कॉन्वेंट स्कूल से कम नहीं

◆सफलता की कहानी

पालमपुर, रिपोर्ट
पालमपुर उपमंडल से 10 किलोमीटर दूर परौर का सरकारी स्कूल किसी कॉन्वेंट स्कूल से कम नहीं है। आप केवल स्कूल का बोर्ड पढ़कर ही पता लगा सकते है कि हिमाचल प्रदेश सरकार की प्राथमिक पाठशाला है। देखने में किसी कान्वेंट स्कूल से कम नहीं है। बेहतर शिक्षा और आधुनिक शिक्षा सुविधाओं के कारण दूर-दूर से बच्चें यहां शिक्षा ग्रहण करने आ रहे हैं जिससे कई निजी और सरकारी स्कूलों से इस विद्यालय में बच्चों की संख्या अधिक है। 
    
बात हो रही है सुलाह विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक पाठशाला परौर की। जो देखने में ही आदर्श विद्यालय लगता है। शिक्षा का स्तर भी इतना उच्च है कि प्री-नर्सरी से पांचवीं कक्षा तक के छोटे-छोटे बच्चे लगभग 10 किलोमीटर दूरी से शिक्षा ग्रहण करने आ रहे हैं। परौर,भट्टू, अरला, नॉटी, द्रंग, सुलाह, खरौठ, पनापर, अक्षैणा के 265 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे है हैं। प्राइवेट स्कूलों की तरह यहाँ के बच्चे भी गाड़ियों से स्कूल पहुंचते हैं।
      बच्चों को शिक्षा विद्यालय में स्मार्ट क्लास रूम में डिजिटल माध्यम से बड़ी स्कीन पर दी जा रही है। बैठने के लिये बहुत अच्छे डेस्क, कॉल्स रूम में मैटिंग इस विद्यालय की शोभा में चार चांद लगा रहे हैं। बच्चों को पीने के लिए ठंडा आरओ का पानी उपलब्ध है। परिसर और कक्षाओं में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं।
   हिमाचल प्रदेश सरकार के सहयोग से यहां के अध्यापको की कड़ी मेहनत, विद्यालय एसएमसी के कुशल प्रबंधन  और इलाके के लोगों के विश्वास से यह विद्यालय पूरे प्रदेश के लिये मॉडल संस्थान के रूप में सामने आया है।  बच्चों की संख्या के अभाव में प्रदेश में जहाँ प्राथमिक संस्थान बन्द होने की कगार पर है वहीं राजकीय प्राथमिक पाठशाला में पहली से पांचवीं तक 180 बच्चें शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और प्री -प्राइमरी सेक्शन में भी इस विद्यालय में 85 से अधिक बच्चें हैं जो आपने आप में सभी के मिसाल हैं।  
    राजकीय प्राथमिक पाठशाला परौर की पहचान आदर्श संस्थान के रूप में है। अध्यापकों ने अपनी कड़ी मेहनत से लोगों में उत्तम शिक्षा का विश्वास उत्पन किया है। जिसके परिणाम स्वरूप यहाँ बच्चों की संख्या लगभग 300 के करीब है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को इस संस्थान के बारे जानकारी दी गयी है और उन्होंने विद्यालय के अध्यापकों, एसएमसी कमेटी तथा बच्चों के अभिवावकों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह में एक और स्मार्ट क्लास रूम आरम्भ किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त 2 कमरों के लिए साढ़े लाख रुपये दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस संस्थान को प्रदेश में आदर्श बनाने के लिए सरकार का हर सम्भव सहयोग उपलब्ध होगा।
     राजकीय प्राथमिक विद्यालय परौर के सीएचटी स्वर्ण सिंह गुलेरिया ने कहा कि पिछले वर्ष  पहली से पांचवी तक 314  और और प्री नर्सरी में 108 शिक्षा ग्रहण कर रहे थे।
जो परौर के आसपास के 10 किलामीटर के विभिन्न गांवों से यहां स्कूल गाड़ियों से आते थे। गाड़ियों का किराया बढ़ने से थोड़ी संख्या में कमी आयी है। उन्होंने बताया कि ज्ञानोदय स्वर्णिम जयंती क्लस्टर श्रेष्ठ विद्यालय के लिये सरकार की ओर से साढ़े 15 लाख, आधारशिला परियोजना में साढ़े 12 लाख,इसके अतिरिक्त खेल सामग्री के उन्नयन एवं विद्यालय में सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ाने में बढ़ावा देने के लिए भी 2 लाख की सहायता उपलब्ध हुई है। विद्यालय में प्री नर्सरी  कक्षाएं यहां बुद्धिजीवी लोगों के सहयोग से चल रही है और विधान सभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार का भी इसके लिये विशेष सहयोग रहता है।

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