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सातवें वित्त आयोग तथा यूजीसी की सिफारिशों को लागू करवाने के लिए 1 दिन की भूख हड़ताल

पालमपुर, रिपोर्ट
शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा राजकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय के प्राध्यापकों ने आज सातवें वित्त आयोग तथा यूजीसी की सिफारिशों को लागू करवाने के लिए 1 दिन की भूख हड़ताल की I एच जी सी टी ए ( Himachal Govt College Teachers  Associations ) की स्थानीय इकाई के अध्यक्ष डॉ सुजीत सरोच ने कहा कि देश के 27 राज्यों ने पहले ही यूजीसी स्केल महाविद्यालय तथा विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों को दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि एच जी सी टी ए केंद्रीय कार्यकारिणी के द्वारा माननीय मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री तथा कैबिनेट के अन्य मंत्रियों के अतिरिक्त प्रदेश के मुख्य सचिव , शिक्षा सचिव तथा उच्च शिक्षा निदेशक को कई बार ज्ञापन पत्र दिए । 
राज्यपाल को भी इस बारे में अवगत करवाया परंतु प्रदेश के सरकारी महाविद्यालय में कार्यरत अध्यापकों को यूजीसी स्केल जोकि 1 जनवरी 2016 से अर्थात गत साडे 6 वर्षों से देय हैं उनके प्रति सकारात्मक रवैया दिखाने तथा सहानुभूतिपूर्वक विचार करने आदि दिए गए भरोसे सब कोरे वादे निकले। एच जी सी टी ए की महासचिव प्रो निवेदिता परमार ने सरकार से आग्रह किया कि महाविद्यालयों के प्राध्यापकों की मांगों को सरकार अविलंब पूरा करे । 
अन्य अध्यापकों ने भी यूजीसी की सिफारिशों को लागू करने के अतिरिक्त सरकार द्वारा 2014 से एम फिल् तथा पीएचडी की इंक्रीमेंट को बहाल करने, कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स को नोशनल लाभ देने की मांग की। डॉ सरोच ने कहा कि पिछले लगभग 4 वर्षों से प्राचार्य के पद की डीपीसी सरकार ने नहीं करवाई । परिणामस्वरूप 132 सरकारी महाविद्यालयों में से 88 महाविद्यालयों में नियमित प्राचार्य नहीं है । फलस्वरूप महाविद्यालय के शैक्षणिक प्रशासन को व्यवस्थित रूप से चलाने में अनेकों प्रकार की कठिनाइयां विकसित हुई है। अनेक प्राध्यापक प्राचार्य बनने से वंचित रह गए और सेवानिवृत्त हो गए। सरकार महाविद्यालयों के प्रति सकारात्मक रवैया अपनाते हुए उनके प्रति देनदारियों तथा अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करे। इसी में उच्च शिक्षा व्यवस्था तथा प्रदेश की लोकतंत्रात्मक शासन प्रणाली का हित निहित है। इस अवसर पर महाविद्यालय के अनेक प्राध्यापकों ने  यूजीसी स्केल लागू ना करने के प्रति सरकार के नकारात्मक रवैए के प्रति खेद व्यक्त किया।
इस अवसर पर डॉ अश्विनी पाराशर, डॉ सुजीत कुमार सरोच, डॉ संजीव कुमार , प्रो अरुण चंद्र ,  डॉ संजय गुप्ता, डॉ राजेश चौधरी , प्रो कल्पना ऋषि , डॉ आर एस चंदेल , प्रो अलका वत्स,  डॉ अजय ठाकुर , प्रो निवेदिता परमार , डॉ अनीता सरोच , प्रो राकेश चंदेल , प्रो धनवीर सिंह,  डॉ सुमन कुमार सच्चर , डॉ आर एस गुलेरिया , डॉ शैलजा वासुदेव ,डॉ दीप कुमार ,प्रो राजेश कुमार, प्रो विपन कुमार ,डॉ स्वाति महाजन, प्रो राजीव भूरिया,प्रो रेणु डोगरा ,प्रो राकेश कुमार पुष्प , प्रो दिनेश कुमार , प्रो संजीव कुमार , प्रो सीमा कुमारी ,  प्रो अंजलि सैनी , प्रो विकाश कलोत्रा ​​, प्रो अनुराधा शर्मा ,प्रो अनिल कुमार ,प्रो निशा चंदेल , डॉ आशु फुल , डॉ इंदर कुमार ,प्रो तरसेम कुमार, प्रो अमरजीत सिंह ,प्रो रानी नरियाल ,प्रो नितिका शर्मा,  प्रो. नेम राज , प्रो मयंक राणा , प्रो. साहिल व प्रो. सीमा शामिल हुए ।

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