◆एकजुटता के साथ 138 मानवता भलाई कार्यो में बढ़चढ़कर भाग लेने का साध-संगत ने हाथ खड़े कर लिया संकल्प
◆नि:शुल्क चिकित्सा जांच शिविर का हजारों मरीजों ने उठाया लाभ
◆जरूरतमंद बच्चों को पौष्टिक आहार की किटें और जरूरतमंद महिलाओं को दी सिलाई मशीनें
धर्मशाला,रिपोर्ट
रविवार को हिमाचल प्रदेश की साध-संगत ने डेरा सच्चा सौदा के रूहानी स्थापना माह का पावन भंडारा धर्मशाला के पुलिस ग्राउंड में मानवता भलाई कार्यों के साथ बड़ी धूम-धाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया। नामचर्चा में उमड़े साध-संगत के जन सैलाब ने अपने गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां के प्रति दृढ़ विश्वास व श्रद्धा का नया इतिहास रच दिया और साध-संगत के उत्साह के आगे प्रबंधन द्वारा किए गए सभी प्रबंध छोटे पड़ गए। जहां तक नजर पहुंच रही थी साध-संगत ही साध-संगत नजर आ रही थी। वहीं साध-संगत पावन भंडारे में शिरकत करने के लिए पारंपरिक वाद्यों पर नाचते-गाते हुए पहुंची। नामचर्चा के दौरान हिमाचल प्रदेश की साध-संगत द्वारा पूज्य गुरु जी के दिशा-निर्देशन में किये जा रहे 138 मानवता भलाई कार्यों को रफ्तार देते हुए 29 जरूरतमंद बच्चों को पौष्टिक आहार की किटें व बैग और 5 जरूरतमंद महिलाओं को सिलाई मशीनें दी गई। इसके अलावा नामचर्चा पंडाल में ही चिकित्सा जांच शिविर लगाकर विशेषज्ञ चिकित्सकों ने लोगों को फ्री में उचित परामर्श दिया और दवाईयां भी फ्री में दी गई। इस दौरान उपस्थित समस्त साध-संगत ने पूरी एकजुटता के साथ मानवता भलाई कार्यों को बढ़-चढ़कर करने का हाथ खड़े कर संकल्प लिया।
रूहानी स्थापना माह की खुशी में आयोजित पावन भंडारे की नामचर्चा की शुरूआत धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा का पवित्र नारा लगाकर व आई हुई समस्त साध-संगत को रूहानी स्थापना माह की बधाई देकर की गई। इसके पश्चात कविराजों ने शब्दवाणी के माध्यम से सतगुरु की महिमा का गुणगान किया। इस अवसर पर बड़ी एलईडी स्क्रीनों के माध्यम से पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां के पवित्र अनमोल वचन चलाए गए, जिसे साध-संगत ने एकाग्रचित होकर सुना। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के 45 मैंबरों व आश्रम के जिम्मेवारों ने कहा कि पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने मानवता भलाई कार्यों की वो इबारत खड़ी की है, जो अन्य कोई सोच भी नहीं सकता।
वेश्यावृत्ति की दलदल में फंसी लड़कियों को अपनी बेटी बनाकर उनकी शादियां करवाई, रक्तदान के कीर्तिमान स्थापित कर अस्पतालों में मरणासन्न पहुंचे लाखों मरीजों को नया जीवन दिया, भूख से तड़पते लोगों के घरों में राशन और भोजन पहुंचाया, असहाय, गरीब बच्चों के जीवन में शिक्षा का उजियारा लाए, किन्नरों को सुखदुआ के नाम से नवाजकर समाज में आदर भाव दिलाया, कूड़े के ढेरों पर मरने के लिए छोड़ दी गई बेटियों को नवजीवन दिया, जब भी देश में कहीं आपदा आई स्वयं पहले पहुंचकर मदद का हाथ आगे बढ़ाया, यहां तक शिक्षा दी कि मरने के बाद भी अपना शरीर और नेत्र दान करके समाज के काम आओ। ऐसे सतगुरु का देन भला कोई कैसे दे सकता है। इस पर वैराग्य से भरी पूरे हिमाचल प्रदेश की साध-संगत ने दोनों हाथ ऊपर उठाकर धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा के पवित्र नारे के साथ आसमां गूंजायमान करते हुए पूज्य गुरु जी पर अपनी दृढ़ आस्था और विश्वास व्यक्त किया और मानवता भलाई कार्यों को नई गति देने का सकंल्प लिया।
नाम चर्चा के दौरान 138 मानवता भलाई कार्यों के तहत जरूरतमंद बच्चों को खाने के लिए पौष्टिक आहार की किटें व बैग दिए गए। खाने की खाद्य सामग्री पाकर बच्चों के चेहरों पर एक अद्भुत मुस्कान खिल आई और मानों कह रहे हों, काश हर किसी में ऐसा जज्बा भर जाए। इसके अलावा महिलाओं को रोजगार में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए जरूरतमंद महिलाओं को फ्री में सिलाई मशीनें बांटी गई।
पावन भंडारे की नामचर्चा में शिरकत करने पहुंची साध-संगत के खाने-पीने व ठहरने के लिए स्थानीय साध-संगत द्वारा विशेष प्रबंध किए गए। हालांकि इन कार्यों को सुचारू से रूप से करने के लिए शनिवार को ही हजारों सेवादारों ने अपनी-अपनी ड्यूटियां संभाल ली थी। लेकिन साध-संगत के भारी उत्साह के समक्ष समस्त प्रबंध छोटे पड़ते नजर आए। जहां तक नजर जा रही थी साध-संगत ही साध-संगत दिखाई दे रही थी। नामचर्चा की समाप्ति पर कुछ ही मिनटों में समस्त साध-संगत को लंगर, भोजन व प्रशाद खिलाया गया।
पावन भंडारे की खुशी में नामचर्चा पंडाल में लगाए गए नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का स्थानीय लोगों ने बड़ी संख्या में लाभ उठाया। शिविर में शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल सिरसा के विशेषज्ञ चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ की टीम ने अपनी सेवाएं दी। चिकित्सकों की टीम ने विभिन्न बीमारियों से संबंधित रोगियों की नि:शुल्क जांच कर उन्हें चिकित्सीय परामर्श दिया। साथ ही रोगियों को नि:शुल्क दवाइयां भी दी गई।
नाचते गाते पहुंची साध-संगत
धर्मशाला के पुलिस ग्राउंड में आयोजित रूहानी स्थापना माह की नामचर्चा में हिमाचली संस्कृति का अनूठा संगम देखने को मिला। कोई हिमाचली वेशभूषा डालकर तो कोई परंपरागत वाद्य यंत्रों की धुनों पर नाचता-गाता हुआ नामचर्चा पंडाल में पहुंच रहा था। इसके अलावा स्थानीय सेवादारों ने हिमाचली पहाड़ी नाटी व पूज्य गुरु जी द्वारा गाये गए भजनों पर नाचगाकर इस पावन दिन की खुशियां मनाई।
- 29 अप्रैल 1948 को हुई थी डेरा सच्चा सौदा की स्थापना
गौरतलब है कि डेरा सच्चा सौदा की पहली पातशाही पूजनीय बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज ने 29 अप्रैल 1948 को डेरा सच्चा सौदा की स्थापना की थी। इनके पश्चात दूसरी पातशाही परम पिता शाह सतनाम जी महाराज ने देश के विभिन्न हिस्सों में हजारों सत्संग कर लाखों लोगों को गुरु मंत्र देकर इंसानियत के मार्ग पर चलाया और अब वर्तमान में गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु 138 मानवता भलाई कार्यो को करने में जुटे हुए हैं। इन लोक भलाई के कार्यो में गरीब बच्चों को अच्छी सेहत के लिए पौष्टिक आहार देना, महिलाओं को रोजगार में आत्मनिर्भर बनाने के लिए नि:शुल्क सिलाई मशीने देना, रक्तदान, शरीरदान, गुर्दा दान, पौधारोपण, गरीबों को मकान बनाकर देना, गरीब कन्याओं की शादी करवाना, राशन वितरण, नेत्रदान, लोगों का नशा छुड़वाना, आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों का निशुल्क इलाज करवाना, निशक्त जनों को सहारा देने के लिए ट्राई साइकिल देना सहित अनेक कार्य शामिल है। वहीं 29 अप्रैल 2007 को पूज्य गुरु जी ने रूहानी जाम की शुरूआत कर मर चुकी इंसानियत को जिंदा करने का बीड़ा उठाया।
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