पंचरुखी, बलजीत शर्मा
सलियाणा के जिला स्तरीय मेला आपसी भाईचारा एवं सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है। यह मेला इलाके में काफी महत्व रखता है। मेला इंसानों के मेल की जगह है जहां ना कोई जात होता है ना कोई भेदभाव। इस तरह के आयोजन सांस्कृतिक विरासत को सहेजने में सहायक होते हैं
वावा लखदाता जी स्थान में वर्षों से मेला लगता आ रहा है
निःसन्देह, सलियाना छिंज मेला ऐतिहासिक रूप से हिमाचल, विशेषकर पालम संस्कृति का द्योतक है। इसे राजकीय संरक्षण एवं प्रोत्साहन की आवश्यकता है।
इस मेले से श्रृद्धा एवं आपसी समरसता की वो धारा बहती है, जिसे देखने के लिए लोग दूर दराज से आते हैं।
मेला प्रांरभ होने से पहले श्री लख देवता की बिधि पूर्वक पूजा होती है श्री लख देवता की इलाके की समृद्धि व खुशहाली के लिए प्रार्थना की जाती है। यह मेला पाँच दिन का चलने वाला 28 मार्च से 01 अप्रैल तक चलता है।
वैसे भी भाजपा राष्ट्रीय संस्कृति के विकास एवं संवर्द्धन के लिए कृतसंकल्प एवं वचनबद्ध है। इलाके के सभी निवासियों की हिमाचल सरकार से सामूहिक अपील की है
कि छिंज मेला सलियाना को राज्यस्तरीय करने की है। यह छिंज हमारी पुरातन छिंज है इस इलाके के बूजर्ग जोगिंदर नगर तक पैदल छिंज के लिए चंदा इकट्ठा करने जाते थे जो पहलवान दूर दूर से आते थे उन्हें अपने घरों में ठहराते थे ओर उनका आथित्य सत्कार करते थे उनकी कड़ी कडी मेहनत से यह छिंज आज हमारे भाईचारे की मिशाल वनी है।
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