◆3 मार्च को बस हादसे में घायल होने के पश्चात पीजीआई में हुई थी 11 वर्षीय नैना की मौत
कुल्लू,रिपोर्ट
11 वर्षीय अपनी लाडली की मौत के पश्चात माता पिता ने अपनी बेटी को सच्ची श्रद्धांजलि देने का निर्णय लिया तथा श्रद्धांजलि भी ऐसी कि हर कोई सुनकर दंग रह गया और सभी ने माता पिता के फैसले की सराहना की तथा इसे सच्ची श्रद्धांजलि बताया।
मामला जिला कुल्लू का है जहां डीएवी स्कूल में पढ़ने वाली नेहा एक बस हादसे में अपनी जान गवां देती है।
तीन मार्च को जिला मंडी सरकाघाट के चंदैश में एचआरटीसी बस हादसे में घायल कुल्लू जिला के मौहल स्थित डीएवी स्कूल में छठी कक्षा में पढ़ने वाली 11 बर्षीय नैना आठ मार्च को पीजीआई में जिंदगी की जंग हार गई। लेकिन उसके अभिभावकों ने अपनी बच्ची के अंगों को दान करने का फैसला लेकर अपनी बच्ची को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है। नैना के पिता मनोज ठाकुर आयुर्वेदिक अस्पताल कुल्लू में फार्मासिस्ट हैं, जबकि माता गृहणी हैं। तीन मार्च को उनकी दो बेटियां 11 वर्षीय नैना व आठ वर्षीय एंजल अपने मामा के साथ ननिहाल जा रही थी, बस हादसे में मामा सहित दोनों बच्चियां भी घायल हुई। नैना की गंभीर हालत के चलते उसे पीजीआई चंडीगढ़ रैफर किया गया था, जबकि एंजल मेडिकल कालेज नेरचौक में उपचारधीन थी। छह दिनों तक नैना मौत से लड़ती रही लेकिन आठ मार्च को वह जंग हार गई और उसके बाद उसके माता व पिता ने बच्ची की दोनों किडनियां व आंखे चार मरीजों को देने का फैसला लिया।
उधर, डीएवी स्कूल की प्रधानाचार्य अंशू सूद ने बताया कि नैना चंचल स्वभाव की थी और पढ़ाई के अलावा स्कूल की अन्य गतिविधियों में भी बढ़चढ़ कर भाग लेती थी। नैना के निधन पर स्कूल प्रबंधन ने शोक जाहिर करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना की है, साथ ही अभिभावकों के फैसला की भी सराहना की है। उधर, शिक्षा मंत्री गोविंद सिहं ठाकुर, तकनीकी मंत्री डॉ. रामलाल मार्कडेंय, उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग, सीएमओ कुल्लू डा. सुशील चंद्र व जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. बिहारी लाल शर्मा के अलावा डॉ. मुनीष सूद सहित स्वास्थ्य विभाग ने नैना के निधन पर शोक जताया है और अभिभावकों के फैसले की सराहना की है।
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