◆स्थाई अध्यापक की नियुक्ति न होने पर अभिभावक उग्र
पधर(मंडी)। कृष्ण भोज
प्रदेश सरकार के गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के दावे धरातल में खरे नहीं उतर रहे हैं। चौहारघाटी के प्राइमरी स्कूल गढ़गांव में कोई भी स्थाई अध्यापक नहीं है। यहां पिछले एक साल से डेपुटेशन के सहारे स्कूल चल रहा है। ऐसे में स्कूली विद्यार्थियों को हर रोज नया अध्यापक देखने को मिलता है। जिस वजह से शिक्षा ग्रहण कर रहे 13 नौनिहालों का भविष्य अंधकार में है।
एसएमसी प्रधान सुनील कुमार, ओमप्रकाश, रामलाल, रामदेव, संतोष कुमार, गुलाब सिंह, रमेश चंद, श्यामलाल, देशराज, राजेश कुमार और विजय सहित अन्य अभिभावकों ने बताया कि पाठशाला में पिछले 1 साल से कोई भी स्थाई अध्यापक की नियुक्ति नहीं हो पाई है।
गुस्साए अभिभावकों ने कहा कि इस बारे स्थानीय विधायक और प्रदेश सरकार के समक्ष कई बार गुहार लगाई जा चुकी है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जिससे अभिभावकों को अपने नौनिहालों के भविष्य की चिंता सताती है।
उन्होंने कहा कि दुर्गम क्षेत्र के स्कूलों की तरफ प्रदेश सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है। चेतावनी देते हुए कहा कि शीघ्र स्कूल में स्थाई अध्यापक की नियुक्ति नहीं की गई तो मजबूरन ग्रामीणों को धरने प्रदर्शन पर उतारू होना पड़ेगा।
उधर प्रारंभिक खंड शिक्षा अधिकारी गोविंद राम कटारिया ने कहा कि अध्यापकों की कमी होने के चलते पाठशाला में डेपुटेशन के सहारे कार्य लिया जा रहा है। जैसे ही अध्यापकों की नियुक्ति होगी यहां स्थाई अध्यापक को तैनात किया जाएगा। इस बारे उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया गया है।
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