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मृदा स्वास्थ्य कार्ड से किसानों को हो रहा फायदा:राहुल कटोच


बैजनाथ, रितेश सूद
कृषि एवं इससे संबंधित गतिविधियां भारत में कुल सकल घरेलू उत्पाद में 30 फिसदी का योगदान करती हैं कृषि सीधे तौर पर मिट्टी से जुड़ी है किसानों की मूर्ति मिट्टी पर निर्भर करती है मिट्टी स्वस्थ है, तो किसान स्वस्थ है,इस के  आधार पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का लाभ किसानों ने लिया, इस योजना में किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया  जाता है, जिसमें उनके खेत की मिट्टी की पूरी जानकारी लिखी होती है, जैसे उसमें कौन-कौन ऊर्वरक किसानों को अपने खेतों में उपयोग करना चाहिए हर किसान को उसकी मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रति 3 साल में दिया जाता है।
जानकारी देते हुए पालमपुर के कृषि उपनिदेशक राहुल कटोच ने बताया कि बैजनाथ उपमंडल के सुनपुर गांव की रहने वाली रजनी देवी के पास 12 करनाल जमीन है,वो इस भूमि में धान, गेहूं और सब्जियां उगाती है, लगातार एक जैसा फसल उगाने  से उनकी उपज की क्षमता कम होने लगी,जिस कारण  कृषि विभाग द्वारा उसके खेत की मिट्टी को जांच करवाने के लिए भेजा गया,उन्होंने बताया कि रजनी देवी ने विभाग के बताए हुए तरीके से मिट्टी कासैंपल लिया और उसे टेस्टिंग के लिए भेजा जिसके बाद उन्हें मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्राप्त करवाया गया।जिसके बाद उनके खेत में नुट्रीएंटस डालें गए,जिसके बाद उनकी फसल भी अच्छी हुई और उन्हें मुनाफा भी हुआ।

क्या है मृदा स्वास्थ्य कार्ड:
मृदा स्वास्थ्य कार्ड में मृदा के स्वास्थ्य से संबंधित सूचको और उनसे जुड़ी शर्तों को प्रदर्शित किया जाता है, यह सूचक स्थानीय प्राकृतिक संसाधनों के संबंध में किसानों के व्यावहारिक अनुभव और ज्ञान पर आधारित होते हैं। इसमें फसल के अनुसार उर्वरकों के प्रयोग तथा मात्रा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया जाता है ताकि भविष्य में किसान को मिला की गुणवत्ता संबंधी परेशानियों का सामना ना करना पड़े और फसल में भी कमी ना आए।

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