◆सरकार पर बोला हमला, कहा विकास कार्यों पर लगा ग्रहण
पधर(मंडी),कृष्ण भोज
पूर्व मंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर ने द्रंग की ग्राम पंचायत चुक्कू से मिशन 2022 का आगाज किया। इस दौरान उन्होंने नागणी, लुणी, सल्हाना, चुक्कू, पनारा, खजरी, घघवाना, कदुंद, पपलाहण और फरा गांव का जनसंपर्क अभियान कर डोर टू डोर लोगों से मुलाकात की। वहीं विकास कार्यों का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मतदाताओं के साथ संवाद कर नब्ज टटोली। इस दौरान क्षेत्र की अनदेखी को लेकर उन्होंने जहां प्रदेश सरकार पर बड़ा हमला बोला। वहीं स्थानीय विधायक को नाकाम करार देते हुए घेराबंदी की।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की नाकामियों की वजह से आज प्रदेश में विकास कार्य पूरी तरह ठप्प पड़े हुए हैं। वहीं द्रंग विधानसभा क्षेत्र में ग्रहण लगा हुआ है।
जिस वजह से आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क स्वास्थ्य व शिक्षा सभी सुविधाएं चरमरा कर रह गई हैं। महंगाई बेरोजगारी और भ्रष्टाचार का व्यापक बोलबाला है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों, बागवानों और मजदूरों की भी जमकर अनदेखी की है।
सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश स्तर पर व्यापक आंदोलन शुरू किया है।
कौल सिंह ठाकुर ने दावा किया कि 2022 में कांग्रेस पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में काबिज होगी। जबकि भाजपा दहाई का आंकड़ा छूने में ना कामयाब रहेगी।
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से आह्वान किया कि प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीतियों का गांव गांव में डटकर प्रचार प्रसार करें।
इस दौरान पंचायत समिति द्रंग के उपाध्यक्ष कृष्ण भोज, द्रंग ब्लॉक कांग्रेस वरिष्ठ उपाध्यक्ष भूप सिंह धरवाल, बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ द्रंग के अध्यक्ष लाल सिंह चावला, गोपाल सिंह कटारिया, पंचायत उप प्रधान रमेश कुमार, स्थानीय कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कुशाल ठाकुर, उपाध्यक्ष सूबेदार भीम सिंह, घनश्याम यादव, हरि चंद, कुलदीप ठाकुर, बेसर राम, कैप्टन देवी सिंह, अमर चंद, लाल सिंह, नेत्र सिंह और चुन्नी लाल सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे।
चुनावी बजट महज आंकड़ों का मायाजाल
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर ने प्रदेश सरकार के चुनावी वर्ष के बजट को खोखला और दिशाहीन करार दिया। कहा कि ऋण के बोझ में डूबी सरकार चुनावी बजट में जनता को गुमराह कर रही है।
आर्थिक तौर पर प्रदेश का दिवालिया कर दिया है। ओपीएस, एसएमसी और आउट सोर्स कर्मचारियों को मायूस किया है। जबकि किसानों बागवानो की भी अनदेखी की गई है।
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