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पशु औषधालय डुहग बक्शियाँ 1957 में खुलने के बाद भी उसको अपग्रेड करके वेटेरनरी हॉस्पिटल की मांग नहीं हुई पूरी

बडूखर,अश्वनी चौधरी

विधानसभा फतेहपुर के अंतर्गत पशु औषधालय डुहग बक्शियाँ जनवरी 1957 में खुला था लेकिन उसको अपग्रेड करके वेटेरनरी हॉस्पिटल करने की मांग कई बार विधायकों, सांसदों और सरकार से संबंधित क्षेत्र के लोगों द्वारा समय - समय पर की गई है बावजूद इसके सरकार द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधियों की इस मांग को आज तक अमलीजामा नहीं पहनाया गया है। जिसको लेकर स्थानीय लोगों में रोष व्याप्त है।
 
इस पशु औषधालय की अपनी लगभग 8 कनाल भूमि और भवन बना हुआ है सिर्फ और सिर्फ उसको अपग्रेड करने का कार्य है जो कि आज तक लंबित है। आस पास जो पशु चिकित्सालय हैं वह लगभग 20 किलोमीटर दूर पड़ते हैं और इस क्षेत्र मे अधिकतर ग्रामीण लोग हैं जिनकी आजीविका का मुख्य स्त्रोत पशुपालन व कृषि है और उनके लिए गाड़ी करके 2 हजार से 25 सौ रुपये खर्च करना असंभव है जिस कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
 वहीं  इस इलाके मे असहाय पशुओं की भी भरमार है और गौ वंश की रक्षा हेतु गौशाला का भी निर्माण किया जा सकता है जिससे कि सरकार द्वारा चलाये जा रहे गौवंश बचाओ अभियान का भी यह क्षेत्र हिस्सा बन सकता है। गौशाला बन जाने पर आस पास के किसानों का जो नुक्सान होता है वह भी बचेगा।

डुहग बक्शियां के साथ लगती 6 -7 ग्राम पंचायतों ग्राम पंचायत हटली, बडूखर, दियाना, डुहग, नंगल, बीडीसी सदस्य ग्राम पंचायत बडूखर व नंगल - सुनहारा के प्रतिनिधियों ने पंचायत प्रस्ताव पारित कर सरकार से डुहग बक्शियां पशु औषधालय को चिकित्सालय का दर्जा देने की मांग की है।
 
क्या कहा गया था मंत्री वीरेंद्र कंवर द्वारा
 
उन्होंने फतेहपुर उपचुनाव के दौरान आश्वासन दिया था कि वह जल्द ही इस पर काम करेंगे और चिर लंबित मांग को पूरा करेंगे।

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