◆19 फरवरी शिवाजी की जयंती पर होगी रथ यात्रा शुरू
पालमपुर , प्रवीण शर्मा
भारतवर्ष में जहां केंद्र सरकार हिंदुत्व बादी सरकार होने की बात कर रही है तो वहीं दूसरी ओर अन्य धर्मों के लिए अलग कानून जबकि हिंदू धर्म के लिए अलग कानून क्यों ? उक्त शब्द
श्री श्री 108 स्वामी तूफानी गिरि महाराज ने प्रेस क्लब में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहे। उन्होंने कहा कि पूरे भारतवर्ष में मस्जिद चर्च और गुरुद्वारे सरकार ने अपने अधिग्रहण में नहीं लिए हैं। जिस कारण यह सभी धर्म अपने धर्म को मजबूत करने में लगे हुए हैं । लेकिन सिर्फ सनातन धर्म या हिंदू धर्म में जो भी मंदिर हैं उनका अधिग्रहण सरकार ने अपने अधीन रखा है तथा यही कारण है कि हिंदू धर्म आज पिछड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के पिछड़ने का कारण गुरुकुल की कमी, हिंदूओं की सहायता न होना और धर्म के प्रचार के लिए किसी प्रकार का फंड न होना महत्वपूर्ण बिंदु है। उन्होंने कहा कि हिंदुओं के पास जो मंदिर है उनका अधिग्रहण करके सरकारें चल रही हैं। जबकि सरकार टैक्सपेयर से टैक्स भी वसूल कर रही है । लेकिन उसके साथ साथ आस्था का जो चढ़ावा चल रहा है उसे भी ले रही है । जिस कारण अगर हिंदुओं ने किसी प्रकार से धर्म के उत्थान के लिए कुछ शिक्षा के क्षेत्र में या धर्म के प्रचार के क्षेत्र में कुछ कार्य करना है या हिंदू धर्म से जुड़े लोगों के उत्थान के लिए कुछ करना है तो उसके लिए वेवश हैं ।
उन्होंने कहा कि इस विषय को लेकर पंजाब में रथ यात्रा शुरू की गई थी तथा उसको लेकर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने चिट्ठी देकर यह कहा था कि जल्द ही पंजाब में मंदिरों को सरकार के अधिग्रहण से मुक्त किया जाएगा तथा नई सरकार ने भी आश्वासन दिया था कि जब कि उनकी सरकार आएगी इस कार्य को सबसे पहले किया जाएगा। उन्होंने इसी तर्ज पर पूरे भारतवर्ष में रथयात्रा का शुभारंभ 19 फरवरी शिवा जी की जयंती पर मंदिर मुक्ति चेतना यात्रा के माध्यम से किया जाएगा और यह यात्रा पूरे भारतवर्ष में चलाई जाए तथा राजीव सिंह को हिमाचल का इस विषय पर अध्यक्ष नियुक्त किया गया । इस दौरान महाराज ने कहा कि एक पत्र सभी को दिया जाएगा जो प्रधानमंत्री को को लोगों द्वारा भेजा जाएगा। जिसमें संपूर्ण भारत के सभी मंदिरों की सरकारी नियंत्रण के अधीन हैं। उन्हें सरकारी नियंत्रण से आजाद करवाने के लिए मंदिर एक्ट बिल संसद में पास करवाने हेतु भेजने का आह्वान किया जाएगा।
◆क्यों पड़ा स्वामी का नाम तूफानी गिरी
पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि उनका नाम तूफानी गिरी क्यों पड़ा तो उन्होंने कहा कि यह नाम तुझे पूजनीय गुरु द्वारा रखा गया है तथा वह एक लॉ ग्रेजुएट हैं तथा जो भी कार्य उन्हें सौंपा जाता था। वह उसे बड़ी ईमानदारी से और जल्दी निपटा लेते थे। कई बार ऐसे काम भी करते थे जोकि तूफान ले आते थे जिस दिन उनका नामकरण हुआ उस दिन भी तूफान आया था। जिस कारण गुरु जी ने उनके अंदर कुछ ऐसा दिन होगा कि उनका नाम तूफानी गिरी रख दिया। हालांकि उन्होंने कहा कि इस विषय पर लोगों ने नाम बदलने के लिए गुरुजी से सिफारिश भी की। लेकिन गुरु जी ने कहा कि इनके ऊपर यही नाम अच्छा लगता है और तब से उनका नाम तूफानी गिरी है।
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