पालमपुर , प्रवीण शर्मा
पालमपुर में कुहलें डंपिंग साइट बनी हुई है तथा लोग घरों का कचरा कुहल में फेंक कर खुद ही परेशान भी हो रहे हैं। आमतौर पर पालमपुर में देखा गया है कि जब भी बारिश होती है कुहलों का पानी जमा हो जाता है और या तो वह सड़क में चलता है या फिर लोगों के घरों में घुसता है। हालांकि लोगों की बात करें तो लोग एक दूसरे पर आरोप लगाकर अपना पल्लू झाड़ लेते हैं । लेकिन ऐसा देखने में आया है कि हर कोई व्यक्ति कूड़ा कचरा कुहल में ही फेंकता है। जिस कारण हर जगह कुहलों में गंदगी देखने को मिलती है। इसके अतिरिक्त अगर बात करें कुहल के ऊपर कब्जे की तो लोगों ने अपनी सुविधा के अनुसार कुहलों पर कब्जे कर रखे हैं तथा उसके कारण या तो उन्होंने जाले लगाए हैं या फिर छोटी छोटी पुलिया बना रखी है और आईपीएच की पाइप भी इन कुहलों से ही निकल रही है।
जिस कारण कचरा इकट्ठा हो जाता है और परेशानी देता है। कुल मिलाकर पालमपुर में कुहलों की स्थिति बहुत दयनीय है। हालांकि यहां से गुजरने वाली कुछ कुहलें आगे पेयजल योजना में भी लोगों को पेयजल उपलब्ध करवाती हैं। लेकिन लोगों ने इसी कचरा फेंकने की बना कर रख दिया है। कहीं ऐसा भी देखा गया है कि लोग अपने सीवरेज का भी पानी कुहल में फेंक देते हैं।
क्या कहते हैं संजय ठाकुर अधिशासी अभियंता आईपीएच पालमपुर।
इस विषय को लेकर हमारे पास कोई भी कानूनी प्रावधान नहीं है तथा समय-समय पर हमको कुहलों की सफाई करते रहते हैं। लेकिन फिर भी इतना कचरा उसमें इकट्ठा हो जाता है कि उन्हें भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इन कुहलों में गंदगी का आलम आम है तथा लोग इसे कचरा फेंकने की उपयुक्त जगह मानते हैं तथा इसमें कानूनी तौर पर सुधार करना मुश्किल है। जबकि लोग खुद इसमें सुधार करें।
0 Comments