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लाइव वर्चुअल जन संपर्क एक श्रृंखला के तहत औषधीय पौधों की खेती बारे दी जानकारी

◆एसडीएम जोगिन्दर नगर ने आयुष विभाग के विशेषज्ञों के साथ औषधीय खेती को लेकर किया सीधा जन संपर्क

जोगिंद्रनगर जतिन लटावा
एसडीएम जोगिन्दर नगर डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा ने लाइव वर्चुअल जन संपर्क एक श्रृंखला के अंतर्गत एपिसोड चार में औषधीय पौधों की खेती को लेकर आयुष विभाग के विशेषज्ञों की मौजूदगी में लोगों से लाइव वर्चुअल जनसंपर्क किया। इस बीच जहां किसानों को सरकार द्वारा औषधीय पौधों की खेती को लेकर चलाई जा रही विभिन्न विकास योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी तो वहीं इन योजनाओं से जुडक़र इसे आजीविका के बतौर अपनाने के लिये प्रेरित भी किया।
इस बात की पुष्टि करते हुए एसडीएम डॉ. मेजर विशाल शर्मा ने कहा कि जोगिन्दर नगर उप मंडल में जोगिन्दर नगर प्रशासन ने सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं, नीतियों एवं कार्यक्रमों को पात्र लोगों तक पहुंचाने के लिए लाइव वर्चुअल जन संपर्क एक श्रृंखला नामक कार्यक्रम की शुरूआत की है। इसके माध्यम से चरणबद्ध तरीके से विभिन्न विभागों के माध्यम से चलाई जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की न केवल जानकारी संबंधित विभागीय अधिकारियों की मौजूदगी में लोगों को उपलब्ध करवाई जा रही है बल्कि योजनाओं से लाभान्वित पात्र लोगों के अनुभव को भी लोगों के बीच रखा जा रहा जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें। 
साथ ही इस लाइव वर्चुअल जन संपर्क के माध्यम से लोगों के अहम सुझाव एवं समस्याओं पर भी चर्चा की जा रही है।
उन्होने कहा कि इसी श्रृंखला के अंतर्गत चौथे एपिसोड में सरकार द्वारा आयुष विभाग के माध्यम से औषधीय पौधों की खेती एवं इससे जुड़ी आजीविका की संभावनाओं को लेकर लोगों को जागरूक किया गया। इस बीच आयुष विभाग के अधिकारियों जिसमें प्रभारी आयुष शोध संस्थान जोगिन्दर नगर उज्ज्वल दीप शर्मा तथा राष्ट्रीय औषध पादप बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. अरूण चंदन ने औषधीय पौधों की खेती को लेकर सरकार की ओर से दी जा रही विभिन्न जानकारी किसानों की बीच रखी। साथ ही बताया कि सरकार राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत 6 औषधीय पौधों की खेती के लिये अनुदान प्रदान कर रही है। वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में अतीश, कुटकी, अश्वगंधा, सुगंधबाला, सर्पगंधा तथा स्टीविया के खेती के लिये 30 प्रतिशत से लेकर 75 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान कर रही है। वर्तमान में प्रदेश में लगभग 43 हेक्टेयर क्षेत्रफल के लिये सरकार की ओर से लगभग 38 लाख रूपये का अनुदान उपलब्ध है। उन्होने किसानों से इन 6 औषधीय पौधों की खेती के लिये इसका लाभ उठाने का आहवान किया।  
साथ ही अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में राष्ट्रीय औषध पादप बोर्ड के माध्यम से भारतीय चिकित्सा पद्धति अनुसंधान संस्थान जोगिन्दर नगर को तेजपत्ता व तिरमर पर तीन प्रसंस्करण इकाइयों स्थापित करने के लिये 48.50 लाख रूपये का प्रोजेक्ट स्वीकृत किया है जिसमें 2 इकाईयां कांगड़ा तथा एक मंडी जिले में स्थापित की जानी हैं। इसके अलावा मुख्य मंत्री स्टार्टअप स्कीम की भी विस्तृत जानकारी दी तथा सीएम स्टार्टअप के तहत अपना प्रोडक्ट बेचने वाले लाभार्थी जतिन बहल ने भी युवाओं से अपने अनुभव साझा किये। इसी बीच युवाओं को औषधीय पौधों एवं जड़ी बूटियों पर आधारित स्टार्टअप शुरू करने बारे भी लोगों को जागरूक किया गया। साथ ही भारतीय चिकित्सा पद्धति अनुसंधान संस्थान जोगिन्दर नगर के माध्यम से औषधीय पौधों की खेती को लेकर दी जाने वाली विभिन्न मदद की भी जानकारी दी।
एसडीएम डॉ. मेजर विशाल शर्मा ने कहा कोविड संकट के दौरान आयुष उत्पादों की न केवल मांग बढ़ी है बल्कि रोजगार के नये क्षेत्र का भी सृजन किया है। उन्होने शिक्षित बेरोजगार युवाओं से औषधीय पौधों एवं जड़ी बूटियों को लेकर रोजगार सृजित करने के लिये आगे आने का आहवान किया है। साथ ही लोगों से भी आहवान किया है कि वे इस परिचर्चा में जुडक़र लाइव वर्चुअल जन संपर्क एक श्रृंखला का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।

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