पालमपुर ,प्रवीण शर्मा
महात्मा ब्रह्म ऋषि जी का बीती रात निधन हो गया है कुछ समय से बीमार चल रहे थे। महात्मा ब्रह्म ऋषि जी को क्षेत्र में बनई बाले महात्मा के नाम से भी जाना जाता था। क्षेत्र में उनके काफी ज्यादा अनुयाई थे तथा इनका जन्म स्थान उत्तराखंड में बताया जाता है तथा भक्तों के अनुसार हिमाचल में रहने से पहले रामगढ़ हरियाणा में बहुत लंबे समय के लिए निवास किया। जहां पर इन्होंने तालाब का निर्माण कर लोगों को पीने के पानी की समस्या को दूर किया। हिमाचल में आकर यहां लगभग 60 वर्ष से रह रहे थे। जिसमें मुख्यता बनई नामक स्थान पर सिद्धपुर सरकारी तथा बघोटला के खुफिया टिल्ला स्थान पर रहे।
इनकी आयु के बारे में किसी को कोई पता नहीं था। लेकिन ऐसा कहा जाता है कि इनकी आयु 100 साल से ऊपर है और अक्सर नंगे पांव दूर-दूर तक इन्हें देखा गया। उम्र के अंतिम पड़ाव में आने जाने में इन्हें समस्या होती थी अधिकतर समय अपनी कुटिया में ही बिताते थे और कभी भी एक स्थान पर ज्यादा समय नहीं रुकते थे। इनके कई चमत्कार भी क्षेत्र में सुनाए जाते हैं।
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