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महेश्वर खाते थे बकरे की टांग, मैनें खाई बाली की दाल

◆2000 में हुए बैजनाथ उपचुनाव की याद की सांझा, कहा 15 दिन लगातार रहा हूं बरोट

कृष्ण भोज|मंडी
जय राम ठाकुर ने मंडी जिला की चौहारघाटी और कांगड़ा जिला के छोटा बड़ा भंगाल क्षेत्र को अपना घर जैसा बताया। उन्होंने कहा कि इन सभी क्षेत्रों की एक समानता, एक संस्कृति और एक भाषा है। जय राम ठाकुर ने कहा कि काफी अरसे बाद बरोट आना हुआ। मंडी में कालेज में पढ़ते थे तो एक बार पिकनिक मनाने बरोट आए थे। उस दौरान मेरे एक रिश्तेदार के कार हुआ करती थी। जिसमे स्लीपर ढोए जा रहे थे। उस समय के फोटो आज भी घर मे मौजूद हैं। बरोट एक ऐसा रमणीक स्थल है जो एक बार यहां आता है। दिल दिमाग मे छाप छोड़ जाता है। 
उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 में पहली बार विधायक बना तो बैजनाथ विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव के लिए मेरी ड्यूटी पूर्व सांसद महेश्वर सिंह के साथ प्रचार को लेकर छोटा भंगाल लगाई गई। उस दौरान 15 दिन लगातार बरोट रहा हूं। महेश्वर सिंह रोज मांस खाते थे मैंने मांस खाना छोड़ रखा था। उस दौरान बाली की दाल यानी राजमाह और गोभी की सब्जी और सरसों का साग बहुत खाया।

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