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महेन्द्र सिंह ठाकुर का वैज्ञानिकों से प्रदेश की जलवायु के अनुरूप शोध का आह्वान

◆हिमाचल को सर्वोत्तम फल उत्पादक राज्य बनाएं: राकेश पठानिया
सोलन,रिपोर्ट
जल शक्ति, राजस्व, बागवानी एवं सैनिक कल्याण मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कृषि एवं बागवानी वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि वे हिमाचल की जलवायुगत परिस्थितियों के अनुसार शोध करें ताकि प्रदेश के किसान-बागवान इससे और अधिक लाभान्वित हों। महेन्द्र सिंह ठाकुर आज डाॅ. यशवन्त सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी, सोलन के 37वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि वैज्ञानिकों को स्थानीय स्तर पर पौधों में पनपने वाले रोगों की रोकथाम पर गहन अनुसन्धान करना होगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी में कृषि एवं बागवानी क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है और नौणी स्थित बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय इस दिशा में सराहनीय कार्य कर रहा है।
बागवानी मंत्री ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप यह आवश्यक है कि वैज्ञानिक कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र में नवाचार एवं तकनीकी नवाचार के लिए प्रयासरत रहें और इसे खेत तक पहुंचाएं। उन्होंने वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे जल संरक्षण की दिशा में भी कार्य करें। उन्होंने कहा कि जल का पुनः चक्रण एवं एक-एक बून्द का संरक्षण भविष्य में कृषि क्षेत्र के लिए संजीवनी सिद्ध होगा।
महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कहा कि हिमाचल प्रदेश की पूरे देश में फल राज्य के रूप में विशेष पहचान है तथा इस दिशा में प्रदेश सरकार द्वारा सत्त प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के निचले क्षेत्रों में बागवानी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 1688 करोड़ रुपए की परियोजना स्वीकृत की गई है। उन्होंने कहा कि केन्द्र तथा राज्य सरकार किन्नौर जिला के सेब को विश्वस्तरीय ब्राण्ड बनाने के लिए कृतसंकल्प है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए भारत सरकार द्वारा किन्नौर जिला के सेब के लिए 50 करोड़ रुपए की परियोजना आरम्भ की गई है। शिमला जिला के चैपाल क्षेत्र में अखरोट के लिए भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित योजना भी आरम्भ की गई है।  
बागवानी मंत्री ने प्रदेश के निचले जिलों में अमरूद, मौसम्मी, लीची, अनार इत्यादि के उत्पादन में बढ़ोत्तरी करने के लिए वैज्ञानिकों से अनुसन्धान करने का आग्रह भी किया। उन्होंने कहा कि खुम्भ के अपशिष्ट को बागवानी में प्रयोग करने की दिशा में भी कार्य किया जाना आवश्यक है।
उन्होंने आशा जताई कि विश्वविद्यालय भविष्य में भी देश को श्रेष्ठ वैज्ञानिक प्रदान करता रहेगा।

वन, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया ने इस अवसर पर कहा कि बागवानी वैज्ञानिकों को हिमाचल प्रदेश को देश का सर्वोत्तम फल उत्पादक क्षेत्र बनाने की दिशा में कार्य करना होगा। इससे जहां किसानों एवं बागवानों की आय में आशातीत बढ़ोत्तरी होगी वहीं प्रदेश की आर्थिकी को भी संबल मिलेगा। 
उन्होंने आग्रह किया कि मांग और जलवायु के अनुरूप फलों की नई किस्में एवं रूट स्टाॅक विकसित करें। उन्होंने कहा कि अनुसन्धान को खेत तक पहुंचा कर ही किसान एवं बागवान को लाभान्वित किया जा सकता है।
वन मंत्री ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय के 06 प्रकाशनों का विमोचन किया। उन्होंने 14 प्रगतिशील किसानांे सहित विश्वविद्यालय के उत्कृष्ट छात्रों को भी सम्मानित किया।
सोलन के विधायक डाॅ. कर्नल धनीराम शांडिल ने छात्रों को विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस की बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. परविंद्र कौशल ने समारोह में उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा विश्वविद्यालय की प्रगति रिपोर्ट एवं भविष्य की योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की।
विश्वविद्यालय के कुल सचिव प्रशान्त सरकैक ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर आज़ादी का अमृत महोत्सव व स्वर्ण जयन्ती समारोह से सम्बन्धित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए।
प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी सदस्य डाॅ. राजेश कश्यप, भाजपा जिला महामंत्री नंदराम कश्यप एवं अमर सिंह परिहार, जोगिन्द्रा केन्द्रीय सहकारी बैंक के निदेशक बुद्ध राम ठाकुर, पर्यटन प्रकोष्ठ के संयोजक जगदीप सिंह ठाकुर, ग्राम पंचायत नौणी मझगांव के प्रधान मदन हिमाचली, उप प्रधान हरदेव ठाकुर, ग्राम पंचायत नौणी मझगांव के पूर्व प्रधान बलदेव ठाकुर, उपमण्डलाधिकारी सोलन अजय कुमार यादव, पूर्व निदेशक विस्तार शिक्षा ओपी शर्मा सहित छात्र-छात्राएं एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।

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