पालमपुर, रिपोर्ट
सुप्रसिद्ध चामुण्डा नन्दिकेश्वर मन्दिर के साथ बहती बनेर खड्ड के ऊपर बना पुल जिसके एक कोने से पालमपुर विधान सभा क्षेत्र की सीमा समाप्त होती है । जबकि दूसरे कोने से धर्मशाला हल्के की हद शुरू हो जाती है। यहाँ इस पुल के साथ पालमपुर हल्के की परिधि में बना यह लाखों रुपये का शानदार भवन किस तरह लम्बे समय से सम्बधित विभाग की नालायकी एवं नाकामी पर आंसू वहा रहा है। यह प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने कहा कि इस भवन की छत पर बिछी टीन को जंग बुरी तरह से खा रहा है। प्रवीन कुमार ने बताया कि बतौर विधायक उन्होंने तत्कालीन खण्ड विकास अधिकारी भवारना मुनीष ढडबाल की सेवाएं लेकर इस भवन का जीर्णोद्धार करवाया था । बाकायदा स्वयं सहायता समूहों के उत्पादन का विपणन केन्द्र इसे बनाया गया था। यहाँ तक कि इस भवन की महता एवं उपयोगिता साथ ही चामुण्डा मन्दिर में माथा टेकने आने वाले श्रद्धालुओं की सुख सुविधा के दृष्टिगत शेष भवन को गैस्ट एवं रैस्ट हाउस के रुप में प्रयोग करने का निर्णय लिया गया था ।
पूर्व विधायक ने कहा वर्तमान में इस भवन की इस तरह की दुर्दशा को देखकर बहुत दुख होता है। पूर्व विधायक ने रहस्योद्घाटन करते हुए कहा कि यह सरकारी सम्पति है तव इसका यह हाल है। काश ! किसी की निजी जयदात होती तो ऎसे हिन्दुस्तान के सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल चामुण्डा नन्दिकेश्वर धाम के साथ स्थित इस जगह पर शानदार होटल बना होता । पूर्व विधायक ने उपायुक्त कांगड़ा जो कि चामुण्डा मन्दिर नन्दिकेश्वर न्यास के आयुक्त भी है से आग्रह किया है कि इस बेशुमार कीमती जगह पर स्थित इस भवन का जनहित में सदुपयोग किया जाए ।
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