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जापानी अधिकारियों ने बुधवार को जिला कांगड़ा के गेला, भट्टू और पनापर गांव का किया दौरा


पालमपुर,रिपोर्ट
जापान अंतराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जाइका) इंडिया के वरिष्ठ जापानी अधिकारियों ने  बुधवार को जिला कांगड़ा के गेला, भट्टू और पनापर गांव का दौरा कर जाइका परियोजना के पहले चरण में हुए कार्य का निरीक्षण किया और किसानों से रूबरू हुए। इस टीम में जाइका  परियोजना के भारत प्रमुख साइतो मित्सुनोरी के साथ जापान के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक  फुरुयामा कोरी और सुबोरती तालुकदार,  प्रदेश के मुख्य परियोजना सलाहकार जाइका डॉ जे सी राणा, परियोजना निदेशक डॉ सुरेश कपूर, ज़िला परियोजना प्रबंधक  डॉ राजेश सूद के अतिरिक्त कृषि विभाग के अधिकारी शामिल रहे।  जाइका इंडिया के दल ने जिला कांगड़ा के गेला गांव , भट्टू में उत्पाद एकत्रण केंद्र और पनापर गांव में बहाब सिंचाई योजना पहले चरण में बनी विभिन्न परियोजनाओं का निरीक्षण किया और इलाके के किसानों से इन परियोजनाओं के बनने से आये बदलाव पर बात की। 
     
जाइका के तहत पहले चरण हुए कार्यों और फसल विविधीकरण की दिशा में किसानों के आर्थिक रूप में सुदृढ़ होने को लेकर जापान के वैज्ञानिकों ने प्रसन्नता जाहिर कर प्रदेश सरकार और कृषि विभाग को बधाई दी।
     इस अवसर पर जाइका-इंडिया के प्रमुख  साइतो मित्सुनोरी ने कहा कि जाइका परियोजना में जो भी कार्य हुआ बहुत अच्छा  और सफलता पूर्वक कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि इसके संचालन में  केवल जाइका ही नहीं बल्कि प्रदेश सरकार और कृषि विभाग ने बहुत सराहनीय योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य सतत और जलवायु अनुकूल कृषि विकास है और  जापान अंतराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी भविष्य में भी अपना  पूरा सहयोग कृषि विविधीकरण और किसानों के उत्थान के लिये जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि
आज जहाँ भी उन्होंने दौरा किया है उन क्षेत्रों फसल विविधीकरण में बहुत अच्छा और सराहनीय कार्य हुआ है इससे किसानों की आय में काफी बढ़ोतरी हुई है।
       इस अवसर पर  जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जाइका) के मुख्य परियोजना सलाहकार डॉ. जे.सी. राणा ने बताया कि जाइका परियोजना के जापानी अधिकारियो कांगड़ा के गांव गेला का दौरा किया । वहां के किसान पहले गेंहू की फसल लगाते थे अब सब्जी उगाते है जिससे उनकी आमदानी चार से पांच गुणा बढ़ी है । जाइका परियोजना के पहले चरण में 14 हजार किसान ने लाभ लिया है । 2011 में जब परियोजना शुरू हुई तो किसानो की मदन लगभग 55 हजार प्रति हेक्टर थी जो अब बढकर 2 लाख 40 हजार हेक्टर हो गई है । 
जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) जाइका को एक वर्ष पहले दूसरे चरण में 1010 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट बनाकर जमा करवाया था।   पिछले कल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर  ने धर्मशाला में  इसके दूसरे चरण का शुभारंभ किया है। जाइका परियोजना के दूसरे चरण में 25 हजार किसान परिवारो को लाभ होगा और प्रदेश के  306 स्थानों को परियोजना के क्रियावंन के लिए चिन्हत कर लिया गया है ।  उन्होंने बताया कि परियोजना में सबसे पहले किसानो के लिए सिंचाई की व्यवस्था की जाएगी और उसके बाद उन्हे सब्जी उत्पादन के प्रोत्सहित किया जाएगा ।  उन्होंने कहा कि इस परियोजना में किसानों को उत्पादों को बेचने के भी सहायता उपलब्ध करवाई जायेगी।
    उन्होंने बताया कि भारत मे वर्तमान में औषधीय गुणों से परिपूर्ण स्टाके मशरूम  विदेश से आयात हो रहा है। उन्होंने बताया कि पालमपुर देश का पहला स्थान होगा जहां किसानों को स्टाके मशरूम उगाने का प्रशिक्षण दिया जायेगा और यहां स्टाके मशरूम की पैदावार होगी। उन्होंने कहा कि पालमपुर इस मशरूम को सुखाने के भी मशीन लगा दी गयी है और इसकी मार्केटिंग भी जापान की एक कंपनी करेगी।

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