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समय रहते कदम उठाया जाता तो ना किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ता ना ही सरकार को

◆बहुमत मिल जाए तो आप  प्रजातंत्र जो मर्जी चाहो तो कर सकते हैं ऐसा कभी संभव नहीं हो सकता है - आम आदमी पार्टी

 नूरपुर,संजीव महाजन
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आज जो  कृषि कानून जो पिछले साल पारित किए गए थे उन्हें निरस्त करने की घोषणा की गई है जिसका विरोध पिछले एक साल से किसान अलग-अलग ढंग से कर रहे थे इसको लेकर किसानों व अलग-अलग लोगों में चर्चा गर्मा गई है कुछ लोगों का कहना है कि सरकार ने अब जो कदम उठाया है उसे समय रहते ही उठा लिया होता तो ना किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ता ना ही सरकार को ।इस घोषणा का स्वागत भी किया जा रहा पर किसान सरकार से अभी भी एमएसपी कानून बनाने की बात पर जोर डाल रहे हैं।

आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश उपाध्यक्ष रिट कर्नल एन एस पठानिया ने कहा कि आज बहुत बड़ा खुशी का दिन है साल डेढ़ साल बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानो के लिए बनाए गए कानून को निरस्त करने घोषणा की है  जो किसान या उनकी सहयोगी पार्टियां जो लगातार इन कानूनों का  विरोध कर रही थी वो इस बात को कभी भी तब तक नहीं मानेगी जबतक इन कानूनों को सांसद में रद्द नहीं किया जाएगा क्योंकि यह कानून सांसद में ही पारित हुए थे अगर सांसद में निरस्त नहीं हुए तो  हमें लगता है कहीं यह जुमला ना हो । आम आदमी पार्टी पहल दिन से किसानों के साथ खड़ी थी और किसानों को हर संभव मदद करने का प्रयास कर रही थी। उन्होंने कहा कि कभी भी किसी भी पार्टी को अगर बहुमत मिल जाए तो आप  प्रजातंत्र जो मर्जी चाहो तो कर सकते हैं ऐसा कभी संभव नहीं हो सकता है जिस तरह किसानों ने तीनों बोर्डरो विरोध जताया हुआ था इस बात से भाजपा व उसकी सहयोगी पार्टियों को सबक सीख लेना चाहिए कि बहुमत वेशक मिल जाए पर अपने फायदे को लेकर कोई काम नहीं किया जा सकता है लेकिन अभी भी  किसान किसान संगठनों की यही मांग कि जिस तरह यह कानून सांसद में पारित किया गया था उसी तरह यह कानून सांसद में निरस्त किया जाए और एमएसपी कानून बनाया जाए ।
किसान अशोक कुमार ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा जो तीन काले कानून वनाए गए थे जिसको लेकर किसान भाई पिछले एक साल से धरने प्रदर्शन पर बैठे हैं उनके लिए बहुत ही बड़ी राहत की बात है ।  सरकार ने जो कदम अब उठाया है इसे पहले ही उठा लेती तो आज जो हमारे किसान भाई शहिद हुए हैं वह शाहिद होने से बच सकते थे  चलो सरकार को देर से समझ आई है पर आ तो गई ।
न्यू पैंशन रिटायर कर्मचारी महासंघ हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष संजीव गुलेरिया ने कहा कि जब भी  आन्दोलन होता है किसी काम के लिए  सरकार के खिलाफ तो मांग की जाती है पर जब किसानों को जिस चीज की जरूरत ही नहीं थी उसे केन्द्र सरकार जबरदस्ती क्यों थोप रही थी हम सब इन तीनों कानूनों के खिलाफ है अगर कानून बनाना ही था तो जो किसान मांग कर रहे हैं कि एमएसपी पर कानून बनाया जाए तो सरकार को चाहिए कि उस पर कानून बनाया जाए ।और जिस तरह यह कानून सांसद में पारित किया गया है उसी तरह यह कानून सांसद में ही निरस्त किया जाना चाहिए ।


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