ज्वाली, राजेश कतनौरिया
गिद्दों की दिनों दिन कम हो रही संख्या को लेकर वन्य प्राणी विभाग भी सकते में है लेकिन गिद्दों की कम हो रही संख्या के कारण क्या हैं, इसका कोई पता नहीं चल पा रहा है। गिद्दों की कम हो रही संख्या पर जूनियर रिसर्च फैलो मलायसरी भट्टाचार्य तथा प्रोजेक्ट एसिस्टेंट अंकित झोडे द्वारा पौंग झील एरिया में रिसर्च की जा रही है। वन्य प्राणी विभाग की टीम द्वारा गिद्दों को सेटेलाइट टेलिमीटरी यन्त्र लगाए जा रहे हैं ताकि इससे गिद्दों पर नजर रखी जा सके कि आख़िरकार गिद्ध कहां जा रहे हैं और क्या खा रहे हैं।
आगे बाहरी देशों में जा रहे हैं तो गिद्ध के वहां जाने का क्या कारण है। इसके अलावा पौंग झील एरिया में गिद्दों के लिए बनाए गए फीडिंग एरिया पर भी नजर रखी जा रही है।
वन्य प्राणी विभाग हमीरपुर के डीएफओ राहुल एम रोहाणी ने बताया कि गिद्दों की कम हो रही संख्या पर रिसर्च चल रही है जिसके तहत गिद्दों को सेटेलाइट टेलिमीटरी यन्त्र लगाए जा रहे हैं। अभी तक पांच गिद्दों को यह यंत्र लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गिद्दों के खाने के लिए फीडिंग एरिया बनाए गए हैं, जहां पर मृत पशुओं को फैंका जाता है। ज्वाली से राजेश कतनौरिया कि रिपोर्ट !
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